कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन के लिए शासन ने जैसे ही नियम शिथिल किए, बिना लक्षण वाले तथा ऐसे लोग जिन्हें कोई और गंभीर बीमारी नहीं है, उनमें से अधिकांश ने इलाज के लिए होम आइसोलेशन ही मांग लिया है। हालत ये है कि राजधानी में 48 घंटे पहले तक होम आइसोलेशन को चुनने वाले मरीजों की संख्या 700 भी नहीं थी, लेकिन सोमवार की रात यह बढ़कर 1500 से अधिक हो गई है। सिर्फ रायपुर ही नहीं, प्रदेश में भी बड़ी संख्या में मरीज घर पर रहने का विकल्प चुन रहे हैं। 7 सितंबर को रात 9 बजे तक प्रदेशभर में 3953 लोगों ने होम आइसोलेशन की सुविधा ली है। लेकिन इनमें से ज्यादातर लोग वही हैं, जिन्हें कोरोना के अलावा कोई दूसरी गंभीर बीमारी नहीं है या फिर कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बता रहे हैं कि राजधानी रायपुर के संक्रमित लोग अब होम आइसोलेशन को ज्यादा चुन रहे हैं। सोमवार को शाम 5 बजे तक ही यह संख्या 1395 हो गई थी और रात तक डेढ़ हजार से ऊपर हो गई है। इसके बाद बिलासपुर का नंबर है, जहां 500 संक्रमितों ने, रायगढ़ में 405 मरीजों ने होम आइसोलेशन की सुविधा ली है।
राजनांदगांव में 246, सरगुजा में 203, धमतरी में 163, कोरिया में 160 व बस्तर में 128 पिछले दो दिन में ही प्रदेश में यह संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है। अब शासन की तरफ से होम आइसोलेशन में रहने के नियम कायदे व अनुमति को लेकर राहत देने से यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि अगले एक हफ्ते के भीतर राजधानी में होम आइसोलेशन वाली मरीजों की संख्या 5 हजार के आसपास और प्रदेश में 10 हजार से अधिक हो जाएगी।
खाली बेड की जानकारी वाला वेब पोर्टल भी शुरू
अस्पतालों एवं कोविड केयर सेंटर्स में खाली बिस्तरों की संख्या की जानकारी देने वेब पोर्टल तैयार कर लिया है। इसमें निजी अस्पतालों में डाक्टरों के नाम-नंबर, निःशुल्क एवं पेड आइसोलेशन, होम और होटल आइसोलेशन तथा होम आइसोलेशन के लिए निजी डॉक्टरों के नाम-नंबर भी दिए गए हैं। रायपुर की जानकारी फिलहाल https://hospital.cgcovid19.in से मिलने लगी है।
निगम के सभी 10 जोन के लिए 3-3 डॉक्टरों की टीम
जोन-1
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होम आइसोलेशन वाले मरीजों को दवा पहुंचाने बनेगी टीम
होम आइसोलेशन के इच्छुक मरीजों से अंडरटेकिंग लेने के अलावा उनका घर राज्य सरकार द्वारा नए सिरे से निर्धारित कोविड प्रावधानों के अनुरूप है या नहीं, इसका परीक्षण करने के लिए एक टीम बनाई जा रही है, जो दो-तीन दिन में राजधानी में अपना काम शुरू करेगी। यही टीम जरूरत पड़ने पर मरीजों की मानीटरिंग भी कर सकेगी। जो लोग होम आइसोलेशन का विकल्प चुन रहे हैं, उन्हें अंडरटेकिंग फार्म पर अपने चिकित्सक की सहमति लेकर व्हाट्सएप से फार्म को जिला प्रशासन को भेजना होगा।
इन्हें दवाइयों भी खुद ही मंगवानी होंगी, हालांकि इसके लिए भी प्रशासन मदद करने पर विचार कर रहा है।
वीडियो कॉल से मॉनिटरिंग
होम आइसोलेशन के मरीजों की रोजाना मॉनिटरिंग होगी। इसके तहत कॉल सेंटर या कंट्रोल रूम से रैंडम तरीके से मरीजों का हालचाल जानने के लिए ऑडियो और जरूरत पड़ने पर वीडियो काॅल भी किए जाएंगे।
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