Sunday, 25th May 2025

नागरिकों को सुविधा:मोर बिजली एप में अपलोड करें बिजली संबंधी इमरजेंसी का फोटो, तस्वीर कहां की है ये पता लगाकर पहुंच जाएगी विभाग की टीम

Tue, Sep 8, 2020 2:43 PM

  • गांधी जयंती से मोर एप में शुरू होगी इमरजेंसी विंडो
 

सड़क पर चलते हुए लोगों को कई बार बिजली संबंधी इमरजेंसी का सामना करना पड़ता है, जैसे ट्रांसफार्मर में आग या धमाका और सड़क पर टूटा पड़ा बिजली तार...। लोग इसे गंभीरता से लेते भी हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि शिकायत कहां की जाए। इसलिए बिजली कंपनी 2 अक्टूबर से अपने मोर बिजली एप में एक इमरजेंसी विंडो देने जा रही है। इस तरह की कोई भी तस्वीर खींचकर लोगों को सिर्फ इस विंडो में अपलोड करनी है। तस्वीर कहां की है, यह बिजली कर्मचारी गूगल से पता कर लेंगे और टीम वहां पहुंच जाएगी। सिर्फ यही नहीं, बिजली संबंधी कई तरह की इमरजेंसी से लोगों का आमना-सामना होता है, लोग समस्या और खतरा दोनों समझते हैं लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यही है कि आखिर इसकी शिकायत कहां की जाए। जबकि ये मामले ऐसे हैं जिनमें तुरंत शिकायत जरूरी है। इसी दिक्कत को दूर करने और मैदानी अमले को समय पर सूचना के उद्देश्य से बिजली कंपनी अपने एप में जरूरी सुधार कर रही है। यह सुविधा 2 अक्टूबर से राजधानी रायपुर ही नहीं, प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों में शुरू करने की तैयारी है। इसकी खास बात यही है कि लोगों को सिर्फ फोटो अपलोड करनी है, उसके बारे में कैप्शन के तौर पर एक शब्द नहीं लिखना है। फोटो अपलोड करते ही कुछ ही सेकंड में बिजली कंपनी के नजदीकी दफ्तर में आईटी सेल को मैसेज मिल जाएगा। कंपनी के कर्मचारी मैसेज के जरिए के आधार पर जीपीएस सिस्टम से पता लगा लेंगे कि फोटो किस जगह की है। इसके बाद नजदीकी दफ्तर को सूचित कर दिया जाएगा, जहां से अमला तुरंत रवाना होगा। इसके बावजूद लोकेशन ढूंढने में कहीं कोई दिक्कत आई तो शिकायतकर्ता के मोबाइल नंबर भी पर संपर्क कर घटनास्थल की जानकारी ली जा सकती है।

हर मौसम में फायदा
गर्मी के दिनों में आमतौर पर ट्रांसफार्मर में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती है। बिजली के तार भी लोड की वजह से गलते हैं। गर्मी के अंत में आंधी-तूफान के दौर में तार और खंभे गिरते हैं, तारों पर पेड़ों की डालियां टूटकर गिर जाती हैं। राह चलते लोग यह देखते हैं, लेकिन उन्हें संबंधित बिजली दफ्तर का नंबर नहीं मालूम होता, इसलिए वे तत्काल शिकायत नहीं कर पाते। कंपनी के मोर बिजली एप में कोई भी व्यक्ति फोटो खींचकर सिर्फ भेज देगा। कुछ ही सेकंड में इसकी सूचना कंपनी के कमर्चारी को मिलेगी और वे मौके पर पहुंच जाएंगे। इससे बड़ी दुर्घटना से बचा जा सकता है।

अभी एप 3 लाख फोन पर ही
कंपनी के अफसरों ने बताया कि यह नई सुविधा जुड़ने के बाद कंपनी के मोर बिजली एप का उपयोग करने वाले लोग बढ़ जाएंगे। फिलहाल प्रदेश में करीब 35 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं। इनमें से सिर्फ तीन लाख ने ही मोर बिजली एप डाउनलोड किया है। एप में 12 तरह की सुविधाएं हैं। अफसरों का कहना है कि भविष्य में लोगों की बिजली से संबंधित सभी काम मोबाइल फोन से ही हो जाएंगे। उन्हें दफ्तर आने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। कंपनी के कर्मचारी लोगों तक पहुंचेंगे।

"रायपुर सहित सभी शहरों में इमरजेंसी विंडो के लिए ट्रायल चल रहा है और सफल रहा है। गांधी जयंती के दिन से यह सुविधा लांच करेंगे।"
-हर्ष गौतम, एमडी पावर वितरण कंपनी

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