प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मामले में गिरफ्तार कर लिया है। आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से वीडियोकॉन समूह को लोन देने में हुई गड़बड़ियों और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी चंदा कोचर और उनके पति के खिलाफ जांच कर रहा है। वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत समेत कई अन्य लोग भी जांच के दायरे में हैं।
शीर्ष ईडी अधिकारी के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि दीपक कोचर को दिनभर चली पूछताछ के बाद मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्हें वित्तीय जांच एजेंसी की मुंबई ब्रांच ने गिरफ्तार किया है।
करीब 3,250 करोड़ रुपए का लोन देने में गड़बड़ी हुई
चंदा कोचर के सीईओ रहते आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपए का लोन देने में कथित तौर पर खामियां पाई गई थीं। चंदा कोचर पर भेदभाव और वीडियोकॉन ग्रुप को फायदा पहुंचाने के आरोप हैं। ईडी ने फरवरी, 2019 में इस मामले में क्रिमिनल केस दर्ज किया था। इसके तहत ही जब्ती की कार्रवाई की गई।
78 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की थी
ईडी ने इस साल जनवरी में चंदा कोचर की 78 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की थीं। इनमें चंदा का एक मुंबई स्थित घर और उनसे जुड़ी कंपनी की संपत्तियां शामिल था। ईडी के अधिकारियों ने बताया था कि कोचर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई के लिए वॉरंट जारी किया गया था।
क्या है पूरा मामला?
वीडियोकॉन ग्रुप की पांच कंपनियों को आईसीआईसीआई बैंक ने अप्रैल 2012 में 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया था। ग्रुप ने इस लोन में से 86% यानी 2810 करोड़ रुपए नहीं चुकाए। इसके बाद लोन को 2017 में एनपीए घोषित कर दिया गया। लोन स्वीकृत करने वाली कमेटी में चंदा कोचर शामिल थीं। यह आरोप भी है कि वीडियोकॉन ग्रुप के एमडी वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रिन्यूएबल्स में पैसा लगाया था।
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