शुक्रवार को छोटेबेठिया में थाना प्रभारी व जवानों का ग्रामीण पर रौब दिखाते हुए कथित रूप से पिटाई करना भारी पड़ गया। ग्रामीणों का आक्रोश व बढ़ते विवाद के बाद आखिरकार थाना प्रभारी एमआर बरिहा ग्रामीणों के पैरों में गिर पड़े। मामले को शांत करने के लिए छोटे बेठिया थाना प्रभारी को थाना परिसर में ही सामूहिक रूप से ग्रामीणों के सामने हाथ-पैर जोड़ माफी मांगनी पड़ी। तब जाकर मामला शांत हुआ।
नाविक को पीटने का पता चला तो ग्रामीण पहुंचे थाना, सुनाई खरीखोटी
3 सितंबर को ग्राम छोटेबेठिया का साप्ताहिक बाजार था। कोटरी नदी उसपार के करीब 20 गांव के ग्रामीण नाव के सहारे साप्ताहिक बाजार पहुंचे थे। यहां नाविक के साथ बहस होने पर थाना प्रभारी ने जवानों के साथ पुलिसिया रौब दिखाते मारपीट कर दी। 4 सितंबर की सुबह बड़ी संख्या में ग्रामीण व जनप्रतिनिधी छोटेबेठिया थाना पहुंचे और थाना प्रभारी व जवानों को घेरकर जमकर खरीखोटी सुनाई। मामले का पटाक्षेप करने थान प्रभारी ने हाथ-पैर जोड़े और ग्रामीणों के कहने पर जमीन में झुककर कसम खाते माफी मांगी। साथ ही भविष्य में दोबारा ऐसा नहीं करने वादा किया।
दर्द: प्रशासन कुछ कर नहीं रहा, नाव से ही जुड़े हैं गांव
ग्राम कदांडी सरपंच मैनीबाई कतलामी, सितरम सरपंच गणेश नायक ने कहा नदी उस पार 20 गांव हैं जो इन नाव चलाने वालों के सहारे ही दिन दुनिया से जुड़े हैं। अपनी जानजोखिम में डाल नाव चलाने वालों के साथ की गई मारपीट गलत है। इधर, थाना प्रभारी एमआर बरिहा ने कहा घाट में किसी भी ग्रामीण या नाविक के साथ मारपीट नहीं की गई। यह आरोप बेबुनियाद है। पुलिस ने सिर्फ पूछताछ की थी।
ग्रामीण बोले- हमेशा की तरह पुलिस और नक्सली के बीच पिस रहे हैं नाविक
कोटरी नदी में नाव चला दोनों ओर के ग्रामीणों को सुविधा प्रदान करने वाले नाविक पुलिस-नक्सली के बीच पिस रहे हैं। इन पर कभी पुलिस मुखबिर तो कभी नक्सली समर्थक होने के आरोप लगते रहते हैं। इसी सब के बीच कई ग्रामीणों के साथ मारपीट और हत्याएं भी हो चुकी हैं। नक्सलियों ने 7 मई 2019 को छोटेबेठिया थाना के रेंगावाही घाट में नाव चलाने वाले सनकू गोटा की गोली मार हत्या कर दी थी। उस पर पुलिस को नाव से नदी पार कराने का आरोप था। विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान नक्सलियों ने पुलिस की मदद करने के नाम माचपल्ली के एक नाविक की हत्या की थी।
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