प्रदेश में साढ़े चार सौ से ज्यादा थानेदार वाट्सएप ग्रुप में डीजीपी डीएम अवस्थी को हर दिन की रिपोर्ट देंगे। इसमें अपराध और उस पर की गई कार्रवाई होगी। डीजीपी ग्रुप पर नजर रखेंगे। किसी भी मामले में पुलिस की जांच या कार्रवाई कमजोर होने पर पीएचक्यू से सीधे कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी अवस्थी ने गुरुवार को वर्चुअल वर्कशॉप में थानेदारों से दो टूक कहा कि उनके पास प्रदेशभर से शिकायतें पहुंचती रहती हैं कि किसी जगह रिपोर्ट नहीं लिखी जाती तो कहीं समय पर कार्रवाई नहीं होती। इसका सीधा असर पीड़ित पक्ष पर पड़ता है। डीजीपी ने वर्कशॉप में ही अपने एक मातहत अधिकारी से कहा कि वे वाट्सएप ग्रुप बनाएं, जिसमें सभी थानेदारों के साथ उन्हें भी जोड़ें। इसमें हर दिन की रिपोर्ट देनी होगी। डीजीपी ने कहा कि यदि शिकायत आएगी तो वे पीएचक्यू से सीधे निलंबन का आदेश भेजेंगे।
डीजीपी ने कहा कि थाना प्रभारियों की कार्यप्रणाली पर नजर रखी जाएगी। जो थाना प्रभारी अपराध पर अंकुश नहीं लगाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। थाने में वही आता है जो पीड़ित होता है। पुलिस का बेसिक काम पीड़ित को न्याय दिलाना और दोषियों पर कार्रवाई करना है। महिला और बच्चों के विरुद्ध अपराधों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस थानों की कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। योजना प्रबंध के प्रमुख आरके विज, डीआईजी डॉ. संजीव शुक्ला, एससी द्विवेदी, एआईजी भावना गुप्ता ने भी संबोधित किया।
हर माह कामकाज की समीक्षा
डीजीपी अवस्थी ने थाना प्रभारियों से कहा कि एक माह बाद वे सभी के कामकाज की समीक्षा करेंगे। अपराधों पर नियंत्रण ना कर पाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। अच्छा काम करने पर थाना प्रभारियों को पुरस्कृत किया जाएगा। हर महीने समीक्षा की जाएगी। थाना प्रभारियों का मुख्य कार्य अपराधों पर नियंत्रण, अपराधियों को पकड़ने के लिये बारीकी से विवेचना, कानून-व्यवस्था बनाए रखना, पुलिस और नागरिकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना है। लोगों का विश्वास जीतकर ही अच्छी पुलिसिंग की जा सकती है।
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