हाेशंगाबाद में बारिश थमने के बाद दाे दिन से बाढ़ का पानी उतर रहा है लेकिन अभी भी नर्मदा खतरे के निशान से 6 फीट ऊपर है। नर्मदा शाम 6 बजे 970 फीट पर थी जाे खतरे के निशान 964 फीट से 6 फीट ऊपर है। इधर, भोपाल में तालाब और डैम का पानी छोड़ने से बेतवा में उफान आ गया है। बाढ़ का पानी विदिशा की निचली बस्तियों में घुस गया है। करीब 850 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। विदिशा-भोपाल हाईवे और बैस नदी के उफान से विदिशा-अशोकनगर मार्ग बंद हो गया है।
नर्मदा नदी के बेसिन में भारी वर्षा ने फसलों के साथ-साथ जनजीवन और इंफ्रास्ट्रक्चर को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। करीब 13 जिलों में ही 10 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन, मक्का, गन्ना, संतरा और सब्जी की फसल क्षतिग्रस्त हुई है। इसमें सात लाख हैक्टेयर में तो सिर्फ सोयाबीन है। छिंदवाड़ा और सिवनी में सवा लाख हैक्टेयर में मक्का की फसल भी प्रभावित हुई है। आंशिक व पूरी तरह से 19 हजार 600 घर बर्बाद हुए हैं। अभी तक डूबने और मकान के गिरने से 19 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने प्रारंभिक आंकलन करा लिया है। मंगलवार को 13 जिलों बालाघाट, भोपाल, सागर, छिंदवाड़ा, देवास, सीहोर, होशंगाबाद, मंडला, सिवनी, बैतूल, नरसिंहपुर, रायसेन और विदिशा की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी।
7 दिन की बारिश का असर
29 डैमों में से 22 के गेट खोलना पड़े
पिछले एक हफ्ते से हो रही बारिश से प्रदेश के ज्यादातर बड़े डैम फुल हो गए हैं। 28 बड़े डैम में से 22 के गेट खोलना पड़े। भोपाल संभाग के सभी 8 डैम फुल हैं। नर्मदापुरम, महाकौशल और निमाड़ क्षेत्र के भी सभी बांध फुल हो चुके हैं।
(बड़े तालाब का लेवल फीट और सभी डैमों का लेवल मीटर में)
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