जेईई और नीट की परीक्षा दिलाने वाले बच्चों के साथ उनके एक अभिभावक को परीक्षा केंद्र तक आने-जाने की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। इसके लिए सीएम भूपेश बघेल ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। सीएम ने कहा है कि परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर बस, मिनीबस या जीप की व्यवस्था करने कहा है। इसके लिए सभी जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त करने और आरटीओ के साथ समन्वय बनाने के निर्देश दिए हैं।
कोरोना संकट के बीच बसें नहीं चल रही हैं। इसे ध्यान में रखकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने चिट्ठी लिखकर सीएम से जेईई व नीट के परीक्षार्थियों के लिए नि:शुल्क बस सुविधा मुहैया कराने की मांग की थी। इसके बाद सीएम ने सभी कलेक्टरों को बस ऑपरेटरों से तत्काल बसों की व्यवस्था कराने कहा है। परीक्षार्थियों के लिए बसें 31 अगस्त से चलानी होगी। राज्य में लगभग 13 हजार 500 परीक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा के लिए पांच केंद्र बनाए गए हैं।
कई परीक्षार्थी स्वयं की व्यवस्था से परीक्षा देने जा रहे होंगे, लेकिन शेष परीक्षार्थियों के लिए प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जाएगी। परीक्षा में शामिल हो रही छात्राओं के साथ उनके एक अभिभावक को भी यात्रा की अनुमति होगी। परीक्षार्थी या उनके अभिभावकों से कोई राशि नहीं ली जाएगी।
प्रवेश पत्र दिखाने पर अनुमति
सीएम ने बसों में अनिवार्य रूप से फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए हैं। परीक्षार्थियों को वाहन में यात्रा के लिए एंट्रेंस एग्जाम का प्रवेश पत्र दिखाना ही पर्याप्त होगा। प्रवेश पत्र दिखाने पर परीक्षार्थियों को वाहन में यात्रा की अनुमति दी जाए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को परिवहन व्यवस्था के लिए स्थानीय अधिकारियों के मोबाइल नंबर का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं, जिससे परीक्षार्थी परीक्षा केंद्रों तक जाने और वापस आने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकें।
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