छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक बार फिर ऑनलाइन ठगी हो गई। इस बार बाइक बेचने का झांसा देकर 65 हजार रुपए ठग लिए। शातिर बदमाश ने खुद को फौजी बताया और फर्जी आईडी वॉट्सएप पर भेजी। फिर सिक्योरिटी मनी, डिलीवरी चार्ज के लिए रुपए लेने के साथ ही डॉक्यूमेंट की कॉपी मांगकर खाते से भी पैसे निकाल लिए। मामला गुढ़ियारी थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, जवाहर नगर निवासी मनोज जंघेल ने एक खरीद-बिक्री साइट पर बाइक बेचने का विज्ञापन देखा। इसमें साल 2017 का मॉडल बताकर 15 हजार रुपए में बाइक देनी की बात कही गई थी। तीन साल पुरानी बाइक इतने सस्ते में मिलने के झांसे में मनोज आ गए। मनोज ने उससे संपर्क किया तो बदमाश ने खुद को फौजी बताया। साथ ही व्हॉट्सएप पर फर्जी आईडी भी भेज दी।
सिक्योरिटी मनी के 3100, ट्रांसपोर्टेशन के 5100 रुपए मांगे
मनोज से पहले सिक्योरिटी मनी के तौर पर 3100 जमा करने को कहा गया। उसके बाद ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के तौर पर 5100 रुपए मांगे गए। साथ ही बताया गया कि बाइक पार्सल से उन्हें मोपेड 10 अगस्त को मिल जाएगी। रुपए जमा करने के बाद फिर ठग ने कॉल किया और कहा कि शेष पैसा भी ऑनलाइन जमा कर दो तो बाइक की डिलीवरी होगी।
पैसा जमा करने में देरी की बात कह 5100 रुपए फिर मांगा
मनोज ने फिर 6800 रुपए खाते में जमा करा दिए, लेकिन ठग ने उनसे कहा कि पैसे जमा करने में देर की है। इसलिए बाइक की डिलीवरी नहीं हो सकती। इसके लिए 5100 रुपए अतिरिक्त चार्ज देना होगा, जो बाद में लौटा दिए जाएंगे। मनोज ने झांसे में आकर पैसा जमा कर दिया। फिर ठग ने कॉल किया और गाड़ी ट्रांसफर के लिए आधार, पैनकार्ड, फोटो और डेबिट कार्ड की आगे-पीछे फोटो खींचकर भेजने के लिए कहा।
ओटीपी जनरेट कर खाते से निकाले 45 हजार रुपए
मनोज ने ठग की बातों में आकर डेबिट कार्ड का भी फोटो भेज दिया। इसके बाद ठग ने ओटीपी जनरेट कर खाते से 45 हजार निकाल लिए। जब मोबाइल पर ट्रांजेक्शन का मैसेज आया तो ठगी पता चला। इस पर मनोज ने कार्ड ब्लॉक कराया। पुलिस ने जांच के बाद रविवार शाम ठगी का केस दर्ज किया है। सोमवार को बैंक ट्रांजेक्शन और कॉल डिटेल निकालेगी। शुरुआती जांच में खाता नंबर दूसरे राज्य का पता चला है।
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