राजधानी से महज 7 किमी दूर बिलासपुर रोड का अहम धनेली पुल फिर कमजोर होने लगा है। बेहद व्यस्त रायपुर-बिलासपुर हाईवे का यह पुल नया है और तीन साल पहले ही ट्रैफिक के लिए चालू किया गया था। पुल में शुरू से कंपन था, इसलिए तीन बार इसके जॉइंट गर्डर (स्ट्रिपसिल जॉइंट) की मरम्मत हो चुकी है। पीडब्ल्यूडी अफसरों ने माना कि ब्रिज का स्ट्रिपसिल जाॅइंट खराब हो गया है, इसलिए गाड़ियां पुल पर उछलने लगी हैं और हादसे की आशंका बढ़ गई है। नए पुल की इस हालत को देखते हुए अब पुराने पुल को ठीक-ठाक करने की तैयारी शुरू हुई है, जो काफी दिन से बंद है। इसका टेंडर जल्द किया जाएगा। इंजीनियरों का कहना है कि अगर नए पुल पर ट्रैफिक दबाव जल्दी कम नहीं हुआ तो यह सुरक्षित नहीं रह जाएगा।
भास्कर ने शुक्रवार को मौके पर जाकर पुल का जायजा लिया। 63 मीटर लंबे और 30 फीट चौड़े इस पुल को वन-वे के हिसाब से बनाया गया है, लेकिन इस पर टू-वे ट्रैफिक चल रहा है।
बगल में खराब पड़े पुराने पुल को नहीं बनाने के कारण ही पुल पर ट्रैफिक दबाव बढ़ा है, इसलिए नया पुल समय से पहले ही कमजोर होने लगा है। बीच वाले हिस्से का जॉइंट कमजोर हो गया है। पांचों जॉइंट पर गड्ढे हैं और वाहनों के गुजरने से पुल में जरूरत से ज्यादा कंपन होने लगा है। बड़े ट्रक व भारी वाहनों की आवाजाही से जॉइंट गर्डर बाहर निकल गया है और साफ-साफ दिख रहा है। बारिश की वजह से जॉइंट के पास गड्ढे का आकार भी बढ़ते जा रहा है। पुल पर वाहनों की गति तेज होने से खतरे की आशंका और बढ़ रही है।
पुल कमजोर, गर्डर बदलना संभव नहीं
पुल के कमजोर होते स्ट्रिपसिल जॉइंट को देखते हुए इसे लंबे समय तक मरम्मत के भरोसे नहीं चलाया जा सकता। जॉइंट गर्डर को बदलना जरूरी है, लेकिन वाहनों की लगातार आवाजाही के बीच में यह काम संभव नहीं है। इसके लिए पुल पर ट्रैफिक की आवाजाही पूरी तरह से बंद करनी होगी। इकलौते पुल पर ट्रैफिक बंद करना भी मुश्किल है, क्योंकि फिर विधानसभा रोड व शहर के बीच से ट्रैफिक को निकालना होगा, जिससे जाम की समस्या होगी। इसके लिए जल्द से जल्द पुराने पुल को ही बनाने पर विभाग को जोर दे रहा है।
ढाई करोड़ में तैयार होगा पुराना पुल, टेंडर जारी
पीडब्ल्यूडी ने पुराने पुल को नए सिरे से बनाने के लिए ढाई करोड़ रुपए की लागत का टेंडर जारी कर दिया है। इस ब्रिज का एक्सपर्ट इंजीनियरों की टीम ने निरीक्षण किया और पाया कि ऊपरी हिस्सा कमजोर है, लेकिन पिलर मजबूत हैं। इसलिए पिलर के ऊपर बने पूरे ढांचे व स्लैब को तोड़कर नया बनाया जाएगा। यह काम बरसात के तुरंत बाद शुरू होगा। इधर, नया पुल मात्र 3 साल में ही पुल जर्जर कैसे हो गया, अब इसकी जांच भी होगी। जांच कमेटी गठित कर इस पर जल्द ही कार्रवाई शुरू होगी। धनेली के पास नाले पर पुल का निर्माण पीडब्ल्यूडी के एनएच संभाग ने किया था। जांच के दायरे में एनएच डिवीजन के तत्कालीन इंजीनियर व निर्माण एजेंसी भी आएगी।
सीधी बात
शिरीष पड़ेगावकर, ईई, पीडब्ल्यूडी-ब्रिज
सवाल - धनेली का पुल कमजोर हो रहा है। विकल्प क्या हैं?
- पुल का स्ट्रिपसिल जॉइंट खराब हो रहा है। तीन बार ठीक कर चुके हैं, ताकि पुल मजबूत रहे।
सवाल - तो पुल की स्ट्रिपसिल जॉइंट को बदल क्यों नहीं रहे?
- इसके लिए ब्रिज से ट्रैफिक की आवाजाही रोकनी होगी। यह फिलहाल संभव नहीं दिख रही है।
सवाल - किसी भी हादसे के लिए फिर कौन जिम्मेदार होगा?
- विभाग इस पुल पर नजर रखे हुए है। जॉइंट के पास वाले गड्ढे भर दिए जाएंगे, ताकि हादसा न हो।
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