राजधानी में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 5 हजार के करीब पहुंच रही है, इसलिए कोविड सेंटर और अस्पतालों में बेड की कमी के साथ डॉक्टर-नर्स समेत मेडिकल स्टॉफ की भी भारी कमी हो गई है। यही वजह है कि अब प्रदेश में पहली राजधानी में सरकारी विभागों केे अलावा बाहरी क्षेत्रों से 8 डॉक्टर और 50 स्टॉफ नर्सों की भर्ती कर उनकी सेवा ली जाएगी। एकम फाउंडेशन के जरिए नगर निगम की तरफ से अस्थायी नियुक्ति कर इन्हें कोविड सेंटर व अस्पतालों में तैनात करेगा। राजधानी में पिछले कुछ दिनों से रोजाना चार सौ के औसत से मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में उनके लिए अस्पतालों व कोविड सेंटर में बेड की कमी तो हुई ही है, डॉक्टर समेत अन्य मेडिकल स्टॉफ भी कम पड़ने लगा है। इसीलिए रायपुर सीएमएचओ कार्यालय ने अब शासकीय सेक्टर से छोड़ कंसल्टेंट कंपनी की मदद से डॉक्टर, नर्स, डाटा ऑपरेटर के साथ अन्य मेडिकल कर्मचारियों को सेवा में लेने का फैसला किया है। सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि हर सेंटर में दो शिफ्ट के डॉक्टर के साथ मेडिकल स्टॉफ ड्यूटी कर रहे हैं। एक ड्यूटी करते हैं, तो दूसरे क्वारेंटाइन रहते हैं। इसलिए सभी अस्पतालों में दो टीेमें हैं, यानी एक समय में आधा स्टाफ ही काम कर रहा है।
अभी शहर के सभी कोविड सेंटर में बेड फुल हो गए हैं। जिले के सभी शासकीय डॉक्टर समेत अन्य मेडिकल स्टॉफ ड्यूटी पर लगा है। इसीलिए शासन के आदेश पर रायपुर में 8 डॉक्टर नियुक्त किए जा रहे हैं। सभी डेंटिस्ट हैं। इनके अलावा 50 स्टॉफ नर्स की भर्ती भी की जाएगी। मेडिकल सेक्टर में डॉक्टर, नर्स समेत अन्य मैन पावर व मशीनरी सप्लाई करने वाली एकम फाउंडेशन ने यह स्टाफ उपलब्ध करवाया है। सभी को शुक्रवार से तैनात कर दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर इसी सिस्टम से और डाक्टर, स्टाफ की सेवाएं ली जाएंगी।
"कोविड सेंटरों में डॉक्टर-नर्स समेत अन्य कर्मचारी कम पड़ रहे हैं। इसकी भरपाई के लिए गैर सरकारी क्षेत्र से 58 डाक्टर-स्टाफ की सेवाएं ली गई हैं, जो शुक्रवार को तैनात हो जाएंगे।"
-डॉ. मीरा बघेल, सीएमएचओ रायपुर
1000 से ज्यादा डॉक्टर-स्टाफ तैनात
जिले के अस्पतालों और कोविड सेंटर के साथ सर्विलांस, फील्ड, ट्रेसिंग, टेस्टिंग के साथ इसके जुड़े अन्य कामों में 1000 से ज्यादा डॉक्टर, नर्स, डाटा ऑपरेटर, वार्ड ब्वॉय समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारी लगाए गए हैं। कमी इसलिए हो रही है क्योंकि किसी कोविड अस्पताल व सेंटर में 14 दिन के 10 डॉक्टर व 40 नर्स की ड्यूटी लगती है तो वे उतने दिन वहीं रहते हैं। इसके बाद क्वारेंटाइन हो जाते हैं, तब उतने ही स्टाफ की फिर ड्यूटी लगती है। उनके 14 दिन पूरे होने पर दूसरी टीम क्वारेंटाइन हो जाती है।
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