कोरोना संकट में रोजगार बड़ी समस्या बनी है और साइबर जालसाजों ने इस जरूरत को आड़ बनाकर धोखाधड़ी शुरू कर दी है। सोशल मीडिया में चर्चित और बड़ी कंपनियों तथा संस्थानों में नौकरी के लुभावने ऑफर वायरल किए गए हैं। इसमें कांटेक्ट नंबर से लेकर ई-मेल एड्रेस तक दिया गया है। इस ई-मेल पर नौकरी के लिए मेल करके शहर के दो युवा ठगी के शिकार हो गए हैं। लुभावने विज्ञापन इतने वायरल हैं कि लोगों को एलर्ट करने के लिए पुलिस को सामने आना पड़ा है। दोनों मामलों की साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी है। जिन संस्थानों के फर्जी विज्ञापन जारी कर ठगी की गई है, उनमें होटल-रेस्तरां से जुड़े समूह हैं।
वारदातों इस सेगमेंट में अधिक : कोरोना काल में ज्यादातर लोग ऑनलाइन ही आर्डर रहे हैं। जालसाज इसी का फायदा उठा रहे हैं। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, बेकरी, मिठाई दुकान, कपड़ा शो रूम, जूता-चप्पल दुकानों के नाम से फर्जी विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं। यही नहीं, मल्टीनेशनल कंपनियों में बड़े वेतन वाले पद, एजेंसियों की डीलरशिप, एजेंट की नियुक्ति और पार्टनकशिप का झांसा दिया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखकर इस तरह ठगे गए हैं लोग
पुलिस ने बताया कि शहर के एक प्रतिष्ठित होटल तथा एक शो-रूम में नौकरी की जरूरत और लुभावने ऑफर के लिए सोशल मीडिया में फर्जी विज्ञापन जारी किया गया। एक ने ऑनलाइन ऑर्डर देने पर मुक्त में सामान देने का या छूट देने का झांसा दिया। दूसरे विज्ञापन में बड़ी कंपनियों के डीलरशिप से लेकर नौकरी देने की बात कही गई। रायपुर के एक पुराने रेस्टोरेंट के नाम से फर्जी ऑफर वाला विज्ञापन जारी कर कहा गया कि एक थाली का ऑर्डर देने पर 2 थाली फ्री दी जाएगी। लेकिन शर्त यह रखी गई कि पेमेंट ऑनलाइन करना होगा। विज्ञापन देखकर कई लोगों ने काल किया और ठगी का शिकार हो गए। इसके अलावा दूध के कारोबार से जुड़ी देश की एक चर्चित कंपनी में नौकरी के ऑफर के नाम पर ठगी कर दी गई। पुलिस ने इस वारदात का ज्यादा ब्योरा नहीं दिया, क्योंकि इसमें काफी क्लू मिल गए हैं। अफसरों ने कहा कि इस तरह सोशल मीडिया पर कई और कंपनी और संस्थानों के नाम से फर्जी विज्ञापन चल रहे हैं, जिससे लोगों को सावधान रहना होगा।
रायपुर पुलिस का अलर्ट : रायपुर पुलिस ने अलर्ट जारी कर लोगों से अपील की कि लुभावने और रोजगार वाले विज्ञापन से साधवान रहे हैं। उसमें दिए नंबर पर संपर्क करने के बाद किसी तरह की आर्थिक गतिविधियां या ट्रांजेक्शन न करें। संभव हो तो संबंधित संस्थान या कंपनी में जाकर पहले पता लगा लें कि वाकई विज्ञापन जारी भी किया गया या नहीं। एसएसपी अजय यादव ने बताया कि ऐसी वारदातों को रोकने के लिए साइबर पुलिस जुटी है। ऐसे विज्ञापनों की जांच की जा रही है, जो शहर के किसी बड़े संस्थान से संबंधित हैं। पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी जागरुकता के लिए एलर्ट जारी किया है।
ऐसे बरतें सावधानी
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