Tuesday, 27th May 2025

हादसे की कहानी, घायलों की जुबानी...:अचानक भूकंप जैसा झटका आया और हम दब गए, छत हमारे ऊपर नहीं आते हुए लकड़ी के टुकड़ाें पर टिक गई, हम धीरे-धीरे आगे खिसकने लगे

Wed, Aug 26, 2020 5:36 PM

  • देवास के स्टेशन रोड स्थित नई आबादी में मंगलवार शाम पाैने 5 बजे तीन मंजिला मकान ढह गया था
  • 5 बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन रात डेढ़ बजे तक चला, भोपाल से आई एनडीआरएफ की टीम
 

देवास के स्टेशन रोड स्थित नई आबादी में मंगलवार शाम पाैने 5 बजे ढहे तीन मंजिला मकान के मलबे में दबने से दो लोगों की मौत हो गई। जबकि 10 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। रात डढ़े बजे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के 9 लोगों को देवास जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जबकि 55 वर्षीय बसकर बी पत्नी अजीज खान और आफिया को इंदौर रैफर कर दिया गया। वहीं, मलबे में दबी 23 साल की सिमरन पिता फिरोज खान, 16 साल का रिहान पिता सोनू और सालभर के आहिल पिता आदिल को निकालने के लिए एनडीआरएफ, नगर निगम, पुलिस और पुलिस टीम को काफी मशक्कत करना पड़ी। इन्हें देर रात कांक्रीट कटर, जेसीबी और क्रेनों की मदद से मलबे के नीचे से निकाला गया। इनमें से सिमरन और आहिल काे बचाया नहीं जा सका।

देर रात तक एनडीआरएफ की टीम की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
देर रात तक एनडीआरएफ की टीम की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

घायलाें की जुबानी बिल्डिंग गिरने की कहानी

शबाना पति फिराेज ने ने बताया कि मंगलवार काे माेहर्रम की पांच तारीख हाेने पर मैं अपनी मम्मी से मिलने के लिए मायके आई थी। दूसरी मंजिल के हाॅल में मेरी बेटी शालू, मां बस्कर बी, भाई रसीद उर्फ साेनू शेख, भाभी अंजुम बी, उनकी लड़की अलीशा, बड़ी बेटी शिरिन बैठी थी। हम सभी हंसी-मजाक कर रहे थे और भाई की बेटी चाय बनाने के लिए गई थी। हम बात कर रहे थे कि अचानक भूकंप जैसा झटका आया और हम दब गए। हम सभी बैठे थे। हमें समझ में नहीं आ रहा था क्या करें। छत हमारे ऊपर नहीं आते हुए लकड़ी के टुकड़ाें पर टिक गई। बीच की गेप से हम धीरे-धीरे आगे खसके और लाेगाें की मदद से बाहर निकल आए।

पैसे देने बाहर आए मकान मालिक और ढहा मकान
इमरान खान ने बताया मुझे पैसे की आवश्कता थी। मैंने जाकिर भाई को फोन लगाया मैं स्टेशन रोड पर था। मैंने कहा भाई कहां हो, वह बोले घर पर हूं। मैंने बोला बाहर निकल कर आओ, मुझे पैसे चाहिए। वह बाहर निकले और मकान गिर गया। उनके पैर में चोट आई।

घायल अल्फेज।
घायल अल्फेज।

पांच मिनट पहले ही घर में गया था मैं
अल्फेज ने बताया घर के बाहर था और मकान गिरने के पांच मिनट पहले ही अंदर गया था। तल मंजिल पर नीचे काेई नहीं था। सभी दूसरी मंजिल के हाॅल में बैठकर आपस में बात कर रहे थे। तभी मकान गिर गया। एक तरफ हाेने से मैं जल्द बाहर निकल आया, मेरे सिर में थाेड़ी चाेट आई। मेरे पिता सहित कुल 4 भाई हैं, जिनके हम 17 भाई-बहन हैं। जाकिर शेख के मकान वाला हिस्सा गिरा, जहां सभी बैठकर बात कर रहे थे।

घायल अंजुम।
घायल अंजुम।

मैं चाय नहीं बनाउंगी, यहीं बैठूंगी
अंजुम ने बताया बाजी घर पर आई थी ताे मैंने कहा, अभी मैं चाय नहीं बनाउंगी यहीं पर बैठूंगी। हम सभी खुश थे हंसी-मजाक कर रहे थे। पता ही नहीं चला मकान कैसा गिर गया। मैं संभली ताे देखा मेरे हाथ पर पिल्लर का हिस्सा गिरा हुआ था। आसपास में बैठे सभी घबराते हुए धीरे-धीरे बाहर निकले। माेहर्रम की 5 तारीख हाेने से तैयारी कर रहे थे और हादसा हाे गया।

घायल अलीशा
घायल अलीशा

मैं ताे लेटकर माेबाइल चला रही थी, मेरे सिर में लगी
अलीशा ने बताया मैं ताे सबसे ऊपर वाले कमरे में लेटे-लेटे माेबाइल चला रही थी। ऐसा लगा कि कुछ हल-चल हाे रही और छत मेरे ऊपर आकर गिरी, लेकिन साइड में पिल्लर गिरने से छत उससे टिक गई। मैं घबराकर बाहर आ गई, लेकिन मेरी बड़ी बहन अक्शा नहीं निकल पाई।

घायलों को तत्काल देवास अस्पताल पहुंचाया गया।
घायलों को तत्काल देवास अस्पताल पहुंचाया गया।

दादी-पाेते आपस में मिलकर जानने लगे एक-दूसरे के हाल
जिला अस्पताल में अल्फेज पहले ही उपचार के लिए आ गया था, जिसके सिर में ज्यादा चाेट नहीं आने से वह परिवार के अन्य घायल सदस्याें काे देख रहा था। कुछ देर बाद उसकी दादी बस्कर बी घायल अवस्था में आई, जिनका एक पैर बुरी तरह से घायल हाे गया था। दादी ने पाैते काे अपने पास खड़ा देखा ताे कहने लगी अल्लाह तेरा शुक्र है। फिर अन्य घायलाें के बारे में दादी और पाैते आपस में बात करने लगे। यह नजारा देख आसपास वालाें की आंख में आंसू आ गए थे। बस्कर बी काे ज्यादा चाेट आने से इंदाैर रैफर किया गया। कुछ घंटे बाद आफिया की हालत खराब हाेने पर उसे इंदाैर रैफर किया।

लोगों की मदद से बढ़ा रेस्क्यू ऑपरेशन।
लोगों की मदद से बढ़ा रेस्क्यू ऑपरेशन।

भाई से माेबाइल पर कहा - आहिल मेरी गाेद में है, रेहान घबरा रहा है, उसके बाद संपर्क टूटा

देर रात तक मलबे में 16 साल का किशाेर रेहान, उसके चाचा की 22 साल की लड़की सिमरन और बुआ का डेढ़ साल का बेटा आहिल को बाहर निकाला। मलबे में दबी सिमरन के पास माेबाइल था, जिस पर उसके भाई फैजल ने बात की ताे सिमरन ने बताया आहिल मेरी गाेद में है। राे रहा है। मशीनाें की असवाज से रेहान भी घबरा रहा है। फैजल ने बहन काे कहा- हिम्मत रखना, तुमकाे निकाल लेंगे। यह चर्चा शाम काे हुई थी, उसके बाद संपर्क टूट गया। देर रात सिमरन का माेबाइल लगाया जा रहा था, लेकिन बात नहीं हाे रही थी।

इस प्रकार से जमींदोज हुआ मकान।
इस प्रकार से जमींदोज हुआ मकान।

इन लाेगाें काे सुरक्षित निकाला
मकान के मलबे से बस्कर बी 55 पति अजीज शेख, आफिया 8 पिता इरशाद उर्फ माेनू शेख, अक्शा 16 पिता जाकिर शेख, अंजुम 40 पति जाकिर शेख, अल्फेज 16 ईरशाद शेख, अलीशा 14 पिता जाकिर शेख, शिरिन 24 पति शहनावज, शबाना 40 पति फिराेज शेख, शिनम 15 पिता रशीद शेख और 16 साल के रेहान काे जिंदा निकाला गया है। बस्कर बी और आफिया काे इंदाैर रैफर किया गया। बाकी का इलाज देवास जिला अस्पताल में चल रहा है। सभी खतरे से बाहर हैं।

मकान गिरने की जानकारी लगते ही लोग मौके पर पहुंचे।
मकान गिरने की जानकारी लगते ही लोग मौके पर पहुंचे।

पांच साल पहले बना था मकान
शहर के लाल गेट के सामने घमंडी हाेटल के पीछे मंगलवार काे जाे 3 मंजिला पक्का मकान ढहा वह 5 साल पहले ही बना था। इतनी जल्दी पक्का मकान ढहना हैरान करता है। इस मकान के ढहने की वजह नगर निगम की अवैध निर्माण हाेने पर नाेटिस देकर कागजी खानापूर्ति कर एक्शन नहीं लेना है। 2015 में इस मकान के निर्माण के वक्त भी आसपास के लाेगाें ने जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत की थी। नैसर्गिक नाले काे आगे खिसका कर सरकारी जमीन पर कब्जा करने के आराेप लगे थे, लेकिन नगर निगम ने केवल नाेटिस दिया, काेई कार्रवाई नहीं की। यह हादसा उसी का नतीजा है। दरअसल जहां से नाला जा रहा था, उसे आगे किया गया। इसके लिए मकान के आगे वाले तकरीबन 5 फीट के हिस्से में बीम-काॅलम का सपाेर्ट नहीं दिया और तीन मंजिला मकान खड़ा कर दिया। मकान आगे की तरफ ही ढहा।

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