रविवार की रात सेमरिया में जिन लोगों को पॉजिटिव पाया गया था। उन्हें लेने के लिए सोमवार की दोपहर स्वास्थ्य विभाग की टीम एम्बुलेंस लेकर पहुंची तो गांव की महिलाओं ने टीम को घेर लिया और संक्रमितों का इलाज गांव में ही कराने के लिए अड़ गए। टीम ने जब उन्हें समझाया तो संक्रमित लोग उन्हें ही छूकर संक्रमित करने की बात कहते हुए छूने के लिए दौड़ने लगे। उनसे बचने के लिए टीम को भागना पड़ा। अधिकारियों को जब इसकी जानकारी हुई तो प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी पहुंचे। लेकिन गांव का माहौल ऐसा था कि कोई गांव अंदर जा नहीं पा रहा था। आखिर में पुलिस की फोर्स पहुंची तो ग्रामीण पीछे हुए और संक्रमित 13 लोगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम रात 8 बजे गांव से रवाना हुई। इस दौरान चार घंटे तक अधिकारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सेमरिया में 33 लोग पॉजिटिव पाए गए थे। उन्हें लेने के लिए सुबह दो एम्बुलेंस पहुंची और 20 लोगों को जांजगीर पहुंचाया गया। इसके बाद फिर स्वास्थ्य विभाग की टीम एंबुलेंस लेकर 13 मरीजों को लेने पहुंची। सूत्रों के अनुसार मरीज तो तैयार थे, लेकिन गांव की महिलाओं व अन्य लोगाें ने उन्हें भड़का दिया और उनका इलाज गांव में ही कराने की मांग करने लगे। धीरे- धीरे माहौल गरमा गया। ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे। इसके बाद संक्रमित लोग भी ग्रामीणों के साथ हाे गए और स्वास्थ्य विभाग की टीम को ही संक्रमित करने के लिए छूने को दौड़ाने लगे। सूचना मिलने पर बीएमओ डॉ. सौरभ यादव भी गांव पहुंचे, उन्हें भी महिलाओं ने घेर लिया। स्थिति तनावपूर्ण हो गई। बताया जा रहा है कि पथराव भी हुआ लेकिन अधिकारी इससे इनकार कर रहे हैं। एसडीएम अनुपम तिवारी, पामगढ़ थाना प्रभारी, मुलमुला थाना प्रभारी, तहसीलदार आदि भी पहुंचे। लेकिन ग्रामीणों पर असर नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि अधिकारियों को गांव पहुंचने से भी रोक दिया गया था। रात 7 बजे के बाद पुलिस फोर्स पहुंची तो ग्रामीण बैक फूट पर आए और रात 8 बजे के बाद संक्रमितों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव से रवाना हुई।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के घर घुस कर पिटाई
गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की टीम को मरीजों को पहचानने में मदद कर रही थी। इससे गांव की महिलाएं नाराज हो गई और उनके घर घुसकर उनकी पिटाई कर दी।
समझाइश के बाद हॉस्पिटल पहुंचे मरीज
"गांव के कुछ मरीज जाने को तैयार नहीं थे। गांव वालों ने उन्हें लेने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को रोक लिया था। पथराव अथवा भागने की जानकारी मुझ तक नहीं आई है। समझाइश के बाद मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया है।''
-अनुपम तिवारी, एसडीएम, पामगढ़
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