इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) शुरू होने से पहले मांकड़िंग रन आउट को लेकर बहस शुरू हो गई है। ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि बॉल फेंकने से पहले बल्लेबाज क्रीज छोड़ता है, तो गेंदबाज को फ्री बॉल मिलना चाहिए। यदि इस बॉल पर विकेट भी मिलता है तो फिर बल्लेबाजी टीम के खाते से 5 रन कम भी करना चाहिए। अश्विन ने यह बात कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के कप्तान दिनेश कार्तिक के सवाल पर कही।
रन अप के बाद और बॉल फेंके जाने से पहले नॉन स्ट्राइक एंड की क्रीज छोड़ने पर बल्लेबाज को रन आउट करना मांकड़िंग कहलाता है। अश्विन ने 25 मार्च 2019 को राजस्थान रॉयल्स के जोस बटलर को ऐसे ही आउट किया था। हालांकि, इस पर उनकी आलोचना हुई थी।
आईसीसी और कई दिग्गज नियमों को सही बता चुके हैं: कार्तिक
हाल ही में कार्तिक ने कहा, ‘‘मांकड़ रन आउट को लेकर मेरे दो सवाल हैं। पहला इसको लागू करने और दूसरा इसे मांकड़ रन आउट कहने से है। सर डॉन ब्रैडमैन से लेकर सुनील गावस्कर तक सभी ने इसे नियमों के तहत ही बताया है। आईसीसी और एमसीसी (मेरिलबोन क्रिकेट क्लब) ने भी इसे सही करार दिया है। फिर गेंदबाज या बॉलिंग टीम को निगेटिव क्यों कहा जाता है? यह पहली बार जब हुआ था, तब वीनू मांकड़ ने बल्लेबाज को कई बार चेतावनी दी थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि रन आउट होने वाले बल्लेबाज को कोई याद नहीं करता। वह बिल ब्राउन थे।’’
अब गेंदबाज को भी मौका मिलना चाहिए: अश्विन
अश्विन ने कार्तिक की बात पर कहा, ‘‘बॉलर को फ्री बॉल दे दीजिए। यदि बल्लेबाज उस गेंद पर आउट होता है तो बल्लेबाजी टीम को 5 रनों का नुकसान होना चाहिए। फ्री हिट बल्लेबाज के लिए फायदेमंद होती है, अब गेंदबाज को भी मौका दीजिए। अभी तक हर कोई मैच इस उम्मीद से देखता है कि गेंदबाजों को जमकर रन पड़ेंगे।’’
अश्विन को मांकड़िंग करने से रोकेंगे: पोंटिंग
वहीं, दिल्ली कैपिटल्स के कोच रिकी पोंटिंग ने हाल में कहा था कि वह भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन से बात करेंगे और उन्हें बल्लेबाज को इस तरह से रन आउट नहीं करने के लिए कहेंगे, क्योंकि यह खेल भावना के विपरीत है।
जो भी क्रीज पार करेगा, मांकड़िंग आउट होगा: अश्विन
30 दिसंबर को एक प्रशंसक आकाश ने अश्विन से पूछा था कि आईपीएल 2020 में किस बल्लेबाज को मांकड़िंग रन आउट करेंगे? इस पर अश्विन ने कहा था कि जो भी क्रीज पार करेगा, मांकड़िंग आउट होगा।
वीनू मांकड़ की वजह से नाम पड़ा ‘मांकड़िंग’
बात 13 दिसंबर 1947 की है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक टेस्ट मैच के दौरान भारत के वीनू मांकड़ ने ऑस्ट्रेलिया के विल ब्राउन को इसी तरह से आउट किया था। इसके बाद से वीनू के सरनेम के आधार पर यह तरीका ‘मांकडिंग’ कहलाया। क्रिकेट में यह नियम लागू तो होता है, लेकिन राय बंटी हुई है। कुछ जानकार और पूर्व खिलाड़ी इसके पक्ष में हैं तो कुछ का कहना है कि बल्लेबाज को आउट करने का यह तरीका खेल भावना के विपरीत है।
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