आयकर विभाग ने प्राॅपर्टी कारोबारी राघवेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गुप्ता के यहां चल रही छापे की कार्रवाई के दूसरे दिन एक बेहद अहम खुलासे में कहा कि मप्र सरकार के कई रिटायर्ड अफसरों ने इन दोनों के माध्यम से बड़े पैमाने पर बेनामी प्राॅपर्टी खरीदी है। इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि इन अफसरों के दोनों से संबंध हैं। विभाग जल्द ही इनके नामों का खुलासा कर सकता है। अब तक दोनों कारोबारियों के यहां 250 एकड़ जमीन के सौदे होने की बात सामने आई है। इसमें 100 से अधिक रजिस्ट्रियां अकेले चूड़ीवाला पीयूष गुप्ता के यहां से बरामद हुई हैं। पीयूष ने अपनी दुकान में काम करने वाले बेहद छोटे-छोटे लोगों के नाम से ये रजिस्ट्रियां करा रखी थीं। इनके वास्तविक मालिक यही रिटायर्ड नौकरशाह ही बताए जा रहे हैं। लगभग सारे जमीन के सौदे पिछले छह सालों में किए गए हैं।
आयकर विभाग की बेनामी विंग ने भी सक्रियता दिखाते हुए बेनामी करार दी गईं प्रॉपर्टी की जांच शुरू कर दी है। इनके वास्तविक मालिकों को जल्द ही नोटिस जारी किए जा सकते हैं। इन प्रॉपर्टी के दस्तावेजों में बर्खास्त आईएएस दंपती टीनू और अरविंद जोशी का नाम फिर से आया है। विभाग का कहना है कि कई जमीनों के सौदों में जोशी दंपती के करीबी लोग शामिल हैं। विभाग ने इनकी पहचान कर ली है।
आयकर विभाग ने 20 में से 10 ठिकानों पर कार्रवाई पूरी कर ली है। देर रात्रि तक बाकी जगह भी कार्रवाई पूरी हो सकती है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि छापे की कार्रवाई पूरी होने के बाद विभाग को भारी संख्या में मिले दस्तावेजों की पड़ताल का काम शुरू करना है। विभाग ने दोनों कारोबारियों के पास से करीब 3 बड़े बंडल दस्तावेज बरामद किए हैं। इसमें रजिस्ट्री और लेनदेन के दूसरे प्रमाण शामिल हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि राघवेंद्र और पीयूष के बीच भी बड़े पैमाने पर लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। इससे साबित हुआ है कि दोनों के बीच कारोबारी रिश्ते थे। विभाग को दोनों कारोबारियों के पास 5 लॉकर मिले हैं। यह लॉकर शनिवार को खोले जा सकते हैं।
पीयूष गुप्ता : अफसरों के लिए नौकरों के नाम पर प्राॅपर्टी खरीदी
आयकर विभाग के छापों का प्रमुख निशाना गुप्ता पर ही है। चूड़ी व्यापारी से चार साल में सैकड़ों की प्रॉपर्टी के मालिक। पांच से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों के लिए अपने नौकरों के नाम पर खरीदी प्रॉपर्टी। विभाग को 100 रजिस्ट्री मिलीं। कई कंपनियों में अधिकारी ही वास्तविक मालिक निकले। दूसरे शहरों में भी निवेश के प्रमाण मिले।
राघवेंद्र सिंह तोमर : प्रोजेक्ट में कई आईपीएस अफसर साझेदार
बावड़ियाकलां स्थित प्रोजेक्ट में कई मालिक आईपीएस अधिकारी। फेथ क्रिकेट एकेडमी की आधी जमीन बर्खास्त आईएएस अधिकारी जोशी दंपती के नाम पर है। अन्य रिटायर्ड अधिकारियों का भी इसमें निवेश है। तोमर के पिता रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी, जीजा भी आईपीएस। इसलिए पुलिस अधिकारियों से नजदीकी है।
विपिन जैन... 15 हजार की नौकरी, पर कागजों पर करोड़पति
पीयूष गुप्ता के यहां 15 हजार रुपए माह में नौकरी करता है। घर 400 वर्गफीट का। चौक बाजार की संकरी गलियों में जलेबी वाले की दुकान के ऊपर रहता है। आयकर विभाग को वहां पहुंचने के लिए खासी मशक्कत करना पड़ी।
महेंद्र गोधा... पीयूष के यहां नौकरी, पर नाम पर है करोड़ों की संपत्ति लालघाटी में रहता है। पीयूष के यहां नौकरी करता है। उसके यहां जब आयकर की टीम पहुंची, तब उसे पता चला कि उसके नाम पर 20 करोड़ रुपए से भी अधिक की संपत्ति खरीदी गई है।
मो. शाकिर रकीब... पहले हॉकर था, अब पीयूष की दुकान पर नौकरी
चौकी इमामबाड़े की बेहद तंग गलियों में रहता है। वह पहले हाॅकर था। अखबार बांटता था। बाद में पीयूष की दुकान पर काम करने लगा। उसके यहां जब आयकर की टीम छापा मारने पहुंची तो पास-पड़ोसी हैरत में पड़ गए।
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