करीब दो साल से धूल खा रहा भोपाल-इंदौर कंट्रोल्ड सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे अब नए नाम के साथ धरातल पर आएगा। राज्य सरकार इसे भोपाल-इंदौर प्रायोरिटी कॉरिडोर के नाम से विकसित करने जा रही है। 5029 करोड़ रु. के इस प्रोजेक्ट को पुराने ही अलाइनमेंट पर बनाने का विचार है। इस पर अंतिम फैसला जल्द ही लिया जाएगा।
शिवराज सिंह सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान 2018 की कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन 15 महीने रही कांग्रेस सरकार के समय यह प्रोजेक्ट रुका रहा। अब सरकार बदली तो प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू हो रहा है। इसके अलावा चंबल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे की फाइलें भी फिर से दौड़ गईं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को चंबल प्रोग्रेस वे का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम कर दिया है। अब इसे अटल प्रोग्रेस-वे कहा जाएगा।
प्रायोरिटी कॉरिडोर : 500 से 600 करोड़ में होगा जमीन अधिग्रहण
विभाग के सूत्रों का कहना है कि पुराने सिक्सलेन प्रोजेक्ट के साथ ही प्रायोरिटी कॉरिडोर को बढ़ाया जा सकता है। यह 146.88 किमी लंबा होगा। इसमें 119.9 किमी एक्सेस कंट्रोल्ड रखने की बात है। भोपाल के बड़झिरी से देवास के करनावद तक इसे बनाना है, जो भोपाल, रायसेन, सीहोर और देवास के 124 गांवों से गुजरेगा। कुल 1253 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। इसमें सरकारी जमीन 35 हेक्टेयर और वन भूमि 158 हेक्टेयर है। काॅरिडोर में जमीन अधिग्रहण के लिए 500 से 600 करोड़ रुपए लग सकते हैं, इसलिए सरकार सबसे पहले उपयोगी मॉडल का चयन करेगी, जिससे कम से कम पैसे में कॉरिडोर तैयार हो। जल्द ही इसको लेकर बैठक होने वाली है।
चंबल प्रोग्रेस-वे : 309 किमी लंबा होगा, 2000 एकड़ जमीन, लागत 6193 करोड़
चंबल प्रोग्रेस-वे के भूमि पूजन के साथ ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो गई है। यह खतौली से श्योपुर और मुरैना होते हुए भिंड तक कुल 309 किमी लंबा होगा। 2000 एकड़ जमीन विकसित की जाएगी। लागत 6193 करोड़ रहेगी।
क्या-क्या बनेगा : इसके आसपास रक्षा, फूड, भारी उद्योगों के साथ वेयरहाउसिंग-लॉजिस्टिक सेक्टर में निवेश बढ़ेगा। अधिग्रहण के लिए 250 करोड़ का बजट प्रावधान रखा है।
नर्मदा एक्सप्रेस-वे : 1265 किमी लंबा होगा, प्राथमिक सर्वे हुआ, 29 शहर-कस्बे जुड़ेंगे
कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के पहले शिवराज सरकार ने इसका सर्वे पूरा करा लिया था। इसके बाद फाइल ठंडे बस्ते में चली गई। अब फिर काम शुरू हुआ है। कुल 1265 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट के लिए जल्द बैठक हो सकती है।
क्या-क्या बनेगा : अमरकंटक से शुरू होकर अंकलेश्वर (गुजरात) तक बनेगा। हरदा-खंडवा के 112 किमी में धार्मिक स्थलों, औद्योगिक इकाइयों व प्रसिद्ध स्थलों काे जोड़ेगा।
भोपाल-इंदौर निवेश के लिए बेहतर
चंबल प्रोग्रेस-वे का बजट हो गया है। भोपाल-इंदौर के बीच निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं, इसलिए प्रायोरिटी काॅरिडोर को जल्द एक्सप्लोर करेंगे।
- गोपाल भार्गव, मंत्री, पीडब्ल्यूडी
Comment Now