लद्दाख की गलवान घटी में हिंसक झड़प के दौरान भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद देश में चीन के खिलाफ माहौल (India-China Border Tension) बन गया. इसके बाद जहां आम भारतीयों ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार (Boycott Chinese Products) किया, वहीं भारत सरकार (Central Government) ने कारोबारी संबंधों को लेकर सख्त फैसले लेने शुरू कर दिए. चीन के साथ कई परियोजनाओं में समझौते रद्द कर दिए गए तो कई ऐप्स पर पाबंदी भी लगा दी गई. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) देश में चीनी वस्तुओं के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान 'भारतीय सामान-हमारा अभिमान' चला रहा है. इसके तहत उसने सभी त्योहारों (Indian Festivals) में चीनी उत्पादों का बहिष्कार और भारतीय सामान के इस्तेमाल के साथ मनाने की अपील की.
कैट ने कहा- इस बार देश में मनाई जाएगी 'हिंदुस्तानी दीपावली'
कैट ने कहा है कि रक्षाबंधन के बाद इस साल की दिवाली भी हिंदुस्तानी दीपावली (Hindustani Deepawali) के तौर पर मनाई जाएगी, जिसमें चीन का कोई भी उत्पाद इस्तेमाल नहीं होगा. कैट ने कहा है कि 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी को इस बार नए तरीके से मनाया जाएगा. इसके लिए कैट ने आज मिट्टी, गोबर और खाद से बनीं पर्यावरण मित्र गणेश प्रतिमाएं जारी कीं, जिन्हें लोग इस गणेश चतुर्थी को अपने घर में स्थापित कर पूजा करेंगे. बता दें कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, गोवा, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और छत्तीसगढ़ समेत गणेसोत्सव पूरे भारत में मनाया जाता है.
त्योहारी सीजन में बिकते हैं 40 हजार करोड़ के चीनी उत्पाद
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि देश में गणेसोत्सव से लेकर दीपावली तक एक के बाद एक त्योहार मनाए जाते हैं. इस दौरान चीन से आयात किए गए 35-40 हजार करोड़ रुपये तक के उत्पादों की देश में बिक्री होती है. नमें मूर्तियां, अगरबत्ती, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली के बल्बों की झालर, बल्ब, सजावटी सामान, पीतल व अन्य धातुओं के दीये, फर्निशिंग फैबरिक, किचन इक्विप्मेंट, पटाखे शामिल रहते हैं. इस साल देशभर के व्यापारियों ने तय किया है कि वे इस त्योहारी सीजन में चीन का सामान नहीं बेचकर 40 हज़ार करोड़ रुपये के कारोबार का झटका देंगे.
कैट की ओर से जारी की गई हैं पर्यावरण मित्र गणेश प्रतिमाएं
कंफेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कैट की ओर से जारी की गईं मिट्टी, गोबर और खाद से बनी गणेश प्रतिमाओं से पर्यावरण और जल प्रदूषण को रोका जा सकेगा. उन्होंने बताया कि इन चीजों को मिलाकर 6 इंच, 9 इंच और 12 इंच की गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं. कुछ प्रतिमाओं में तुलसी के बीज समेत कई सब्जियों के बीज भी डाले जा रहे हैं. इससे गणेश प्रतिमा को जल में विसर्जित करने के बाद बीजों को मिट्टी में दबाने से पौधे निकलेंगे. बस ध्यान ये रखना है कि ये गणेश प्रतिमाएं पूजन के बाद घर में ही किसी बर्तन के कुंड में विसर्जित की जा सकती हैं.
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