एक महीने लंबे सियासी संकट (Political crisis) और राजभवन तथा राज्य सरकार के बीच टकराव के बाद शुक्रवार से शुरू हुए विधानसभा सत्र (Assembly session) में कई रोचक बयान और नजारे देखने को मिल रहे हैं. पार्टी और सरकार से बगावत के चलते डिप्टी सीएम और पीसीसी चीफ पद से हटाये गये सचिन पायलट (Sachin Pilot) अब केवल साधारण विधायक रह गये हैं. लिहाजा सदन में अब उनकी विधानसभा में सीट भी बदल गई है. लेकिन पायलट ने अपनी सीट को लेकर जो बयान दिया है वह सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया.
सरहद पर उसे भेजा जाता है जो मजबूत हो
विधानसभा सीट को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि सदन में मेरी सीट बदल दी गई. सदन में जहां मेरी सीट है वह सरहद है. उसके बाद विपक्ष की सीटें शुरू होती हैं. पायलट ने कहा कि सरहद पर उसे भेजा जाता है जो मजबूत हो. बकौल पायलट, 'हमें जिस डॉक्टर को नब्ज दिखानी थी, जहां नब्ज दबानी थी, वहां दिखा दिया. अब गदा और कवच लेकर सरकार को सुरक्षित रखेंगे.' पायलट के इस बयान से सियासी हल्को में नई चर्चा छिड़ गई है. पायलट के इस बयान को आलाकमान के पास सीएम अशोक गहलोत की शिकायत और वहां से मिले आश्वासन से जोड़कर देखा जा रहा है.
सदन में 127 नंबर की सीट दी गयी है पायलट को
उल्लेखनीय है कि डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बाद अब सचिन पायलट की सीट बदल दी गई है. वो अब सदन में सीएम गहलोत के साथ नहीं बैठेंगे. उनके लिए निर्दलीय विधायक संजय लोढ़ा के बगल वाली सीट अलॉट की गयी है. विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने सदन में विधायकों के बैठने के लिए नियम जारी किये हैं. इन नियमों के तहत सीएम अशोक गहलोत की बगल वाली सीट पर अब पायलट की जगह संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल बैठेंगे. चूंकि सचिन पायलट अब मंत्री नहीं हैं लिहाजा उन्हें सदन में 127 नंबर की सीट दी गयी है. यह सीट निर्दलीय विधायक संजय लोढ़ा के बगल में है.
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