नानाखेड़ा स्थित होटल नटराज में गुरुवार दोपहर को न्यू इंदिरा नगर निवासी छात्रा तनु परिहार की गला रेतकर हत्या के आरोपी को पुलिस ने देर रात गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस ने अभी हत्याकांड का खुलासा नहीं किया है। लेकिन सूत्रों के अनुसार तनु की हत्या के बाद आरोपी गुजरात रात भागने की फिराक में था। माकड़ोन के आगे पुलिस ने उसे घेराबंदी कर गिरफ्तार किया। प्रारंभिक तौर पर यह पता चला है कि हत्या की वजह शादी नहीं करना थी। हालांकि इसमें हत्या को लेकर तीन वजहें सामने आई हैं और तीनों में शादी शामिल है। पुलिस ने अभी किसी भी कारण की पुष्टि नहीं की है।
हत्या की ये तीन वजहें:
यह है पूरा मामला
टीआई ओपी अहीर ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि तनु और सुभाष दोनों पड़ोसी हैं। तनु द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। गुरुवार को करीब 11.15 बजे सुभाष, तनु को ऑटो से लेकर होटल पहुंचा था। आईडी दिखाकर दोनों ने शाम तक के लिए रूम बुक करवाया। कुछ देर बाद सुभाष कर्मचारियों को यह कहकर चला गया कि वह कुछ सामान लेने जा रहा है। 5-10 मिनट में आ जाएगा। वह नहीं लौटा तो मैनेजर दुर्गेश पटेल ने कमरे पर जाकर दरवाजा खटखटाया। दरवाजा नहीं खोलने पर भीतर जाकर देखा तो खून में लथपथ तनु की लाश पड़ी थी। तब पुलिस को सूचना दी। एसपी मनोज कमार सिंह, सीएसपी एचएन बाथम और एफएसएल अधिकारी अरविंद नायक मौके पर पहुंचे।
होटल का मैनेजर बोला - युवक ने रूम के लिए पहले काॅल किया था
होटल मैनेजर दुर्गेश ने बताया कि दोनों के होटल पहुंचने से पहले उसके पास फोन आया था। इसमें सामने वाले युवक ने नाम विशाल पोरवाल बताया था। कहा था कि हम आराम करना चाहते हैं। इसलिए शाम तक कमरा चाहिए। तनु के परिवार में उसकी मां और उसके दो छोटे भाई हैं। तनु के पिता की मौत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। तनु सुबह घर से कुछ देर में आने का कहकर निकली थी। दो-ढाई घंटे बाद उसकी मौत की खबर पुलिस ने दी।
होटल इंदौर निवासी रिटायर्ड पुलिस अधिकारी का है
नटराज होटल इंदौर निवासी रिटायर्ड पुलिस अधिकारी का बताया जा रहा है। मामले में होटल प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आई है। जब दोनों युवक-युवती नानाखेड़ा के रहने वाले थे तो इन्हें अकेले रहने के लिए कमरा क्यों दिया? तभी पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी गई? पुलिस की प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आरोपी प्लानिंग से युवती को होटल में लेकर पहुंचा था। रूम में किसी प्रकार के संघर्ष के निशान भी नहीं मिले हैं।
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