कोरोना संक्रमण के इस दौर में राज्य का कोई भी व्यक्ति अब राशनकार्ड या राशन से वंचित नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल के कारण राज्य के सभी परिवार राशनकार्ड के लिए पात्र हो गए हैं। इसके साथ ही अब राज्य के 96 फीसदी लोग अब खाद्यान्न सुरक्षा के दायरे में हैं। फिलहाल, राज्य सरकार राशनकार्डधारी हर परिवार को 35 किलो चावल उपलब्ध करा रही है। पिछले एक साल में राज्य में राज्य में लगभग 10 लाख नवीन राशनकार्ड जारी किए गए और 2 लाख 46 हजार नवीन सदस्य राशनकार्डो में जोड़े गए हैं। बता दें कि पिछले साल गरीब और जरूरतमंद परिवारों के हितों को ध्यान में रखकर छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 के प्रावधानों में आवश्यक सुधार किया गया। राज्य के सभी निवासियों की खाद्य-सुरक्षा सुनिश्चित करने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 2 अक्टूबर 2019 से सार्वभौम पीडीएस शुरू की गई। इसके तहत पीडीएस के अंतर्गत प्रचलित 66 लाख 22 हजार राशनकार्डों में पंजीकृत 2 करोड 46 लाख सदस्यों को सार्वभौम पीडीएस के माध्यम से खाद्यान्न दिया जा रहा है। साथ ही राज्य की 85 प्रतिशत जनसंख्या को रियायती दर पर चावल दिया जा रहा है।
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