Sunday, 25th May 2025

जन्माष्टमी:बड़ी बहन योगमाया ने जन्म लिया... कान्हा आज आएंगे, राधा-कृष्ण मंदिरों में आज जन्माष्टमी

Wed, Aug 12, 2020 5:54 PM

तिथियों के फेर की वजह से जन्माष्टमी इस बार 2 दिन मनाई जा रही है। रायपुर समेत छत्तीसगढ़ के 36 महामाया मंदिरों में मंगलवार को जन्माष्टमी मना ली गई। यहां श्रीकृष्ण के साथ-साथ उनकी बहन देवी योगमाया का भी जन्मोत्सव मनाया गया। हालांकि, प्रदेशभर के राधा-कृष्ण मंदिरों में बुधवार को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। दरअसल, ज्यादातर मंदिरों में सिर्फ कृष्ण जन्मोत्सव ही मनाया जाता है। महामाया मंदिर में कृष्णजी के साथ-साथ उनकी बड़ी बहन योगमाया का भी जन्मोत्सव मनाने की परंपरा रही है। मंगलवार को भी मंदिर में धूमधाम से परंपरा निभाई गई। योगमाया के रूप में मां महामाया का विशेष शृंगार किया गया। इससे पहले उनका अभिषेक कर षोडशोपचार पूजन हुआ। रात 10 बजे से विशेष पूजा-अर्चना शुरू हुई जो 11.30 बजे महाआरती के साथ समाप्त हुई। मध्यरात्रि यानी रात 12 बजे धूमधाम से बाल गोपाल के जन्म का उत्सव मनाया गया। मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला ने बताया कि हर साल भगवान कृष्ण और उनकी बहन का जन्म उत्सव मनाया जाता है। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए इस बार भक्त उत्सव में शामिल नहीं हो पाए। मंदिर के पुजारियों और कुछ लोगों ने मिलकर सारी पूजा संपन्न कराई। भजन-कीर्तन भी किया गया।

शहर के इन मंदिरों में आज मनाया जाएगा श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव
दूधाधारी मठ
महंत डॉ. रामसुंदर दास ने बताया कि बुधवार की मध्यरात्रि धूमधाम से भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस मौके पर भगवान बालाजी का स्वर्ण शृंगार किया जाएगा। मठ में 4 दिन तक जन्माष्टमी मनाने की परंपरा है। भक्त चारों दिन भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
इस्कॉन मंदिर, टाटीबंध
अध्यक्ष एचएच सिद्धार्थ स्वामी और राजेश अग्रवाल ने बताया कि जन्माष्टमी के लिए मंदिर की विशेष साज-सजावट की गई है। सुबह 10 से रात 10 बजे तक हरि नाम का कीर्तन होगा। सेवादार और भक्त मास्क पहनकर शामिल होंगे।
गोकुल मंदिर, बूढ़ापारा
ट्रस्टी जयेश शाह ने बताया कि पुजारी और सेवादारों समेत कुछ ही भक्तों की मौजूदगी में जन्मोत्सव मनाया जाएगा। कोविड 19 के संक्रमण को देखते हुए सारे कार्यक्रम सादगी से संपन्न कराए जाएंगे। हालांकि, उत्सव उसी उत्साह से संपन्न कराएंगे।

राज्यपाल, सीएम और स्पीकर ने दी शुभकामनाएं
राज्यपाल अनुसुइया उइके, सीएम भूपेश बघेल, स्पीकर डॉ चरणदास महंत और नेता प्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक ने प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी हैं। सीएम बघेल ने प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण की लीलाएं हमें विभिन्न परिस्थितियों में जीने की सीख देती हैं। उनके उपदेश जीवन की हर परिस्थिति के लिए प्रासंगिक हैं। श्रीकृष्ण ने फल की चिंता ना करते हुए कर्म करने की शिक्षा दी है।

धार्मिक इतिहास... इन परिस्थितियों में हुआ था देवी योगमाया का जन्म
देवकी ने जब कृष्ण को जन्म दिया तब आकाशवाणी हुई कि बालक को नंदबाबा के घर ले जाया जाए। वासुदेव ने कृष्ण को आधी रात में टोकनी में रख जमुना नदी पार कर गोकुल पहुंचाया। इस दौरान योगमाया की माया से कारावास के प्रहरी गहरी नींद में सो गए। वासुदेव कृष्ण को गोकुल पहुंचाकर योगमाया के साथ वापस कारावास में आए। कंस को पता चला कि देवकी के गर्भ से शिशु पैदा हुआ है तो वह कारावास में उसे मारने आया। बालक की जगह कन्या देख वह क्रोधित हुआ और जैसे ही उसका वध करना चाहा, योगमाया ने आकाशमार्ग से जाते-जाते चेतावनी दी- दुष्ट कंस! तेरा काल जन्म ले चुका है...

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