Friday, 30th May 2025

Honey Trap : रिटायरमेंट से पहले SIT चीफ के लिफाफे में बंद 40 'शौकीनों' की कुंडली

Mon, Aug 10, 2020 4:52 PM

मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के बहुचर्चित हनी ट्रैप (honey trap) केस की जांच कर रही एसआईटी के मौजूदा चीफ राजेन्द्र कुमार इसी महीने 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं. जाते-जाते वो एक बंद लिफाफा हाईकोर्ट को सौंप गए हैं. इसमें रसूखदार उन 40 'शौकीनों' के नाम हैं जिनके तार  हनी ट्रैप से जुड़े हैं. इनमें एक पूर्व मंत्री सहित कई बड़े अफसर, दो रिटायर्ड एडीशनल चीफ सेक्रेट्री और कई मौजूदा अफसर शामिल हैं.

प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप केस की जांच कर रही SIT चीफ बदले जाएंगे. वैसे तो राजेंद्र कुमार 31 को रिटायर हो रहे हैं. उन्हें एक्सटेंशन दिया जाए या नहीं ये हाईकोर्ट तय करेगा. रिटायरमेंट से पहले चर्चा उस लिफाफे की है जो उन्होंने कोर्ट को सौंपा है. जिसमें 40 रसूखदारों की कुंडली बंद है. इसमें कई राजनेता, आईएएस और आईपीएस अफसरों के नाम बताए जा रहे हैं.

बंद लिफाफे में वो 40 नाम
चार दिन पहले ही एसआईटी चीफ राजेंद्र कुमार ने हाई कोर्ट को बंद लिफाफे में करीब 40 आरोपियों के नाम सौंपे थे. इस लिफाफे के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में सरगर्मी तेज है. पुलिस मुख्यालय से लेकर मंत्रालय तक में इन नामों की चर्चा हो रही है. सूत्रों ने बताया कि इन नामों में कई राजनेता और आईएएस आईपीएस अफसर शामिल हैं.

पूर्व मंत्री के नाम की चर्चा
लिफाफे में बंद नामों में एक पूर्व मंत्री के नाम की भी चर्चा हो रही है. वहीं कई रिटायर्ड अधिकारी और मौजूदा आईएएस आईपीएस अफसरों के नाम भी सामने आ सकते हैं. यह हाई कोर्ट तय करेगा कि इन नामों को लेकर आगे किस तरीके की कार्रवाई या फिर जांच की जानी है. बताया जा रहा है कि यदि इन नामों की जांच की जाती है तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं. इनमें प्रदेश के कई बड़े अफसर, दो रिटायर्ड एडीशनल चीफ सेक्रेट्री सहित कई मौजूदा अफसर भी शामिल हैं.

दौड़ में हैं ये अफसर
हनी ट्रैप की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.कई चीफ बदलने के बाद राजेंद्र कुमार को ये ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी.वो 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में हाई कोर्ट तय करेगा कि अगला SIT चीफ कौन होगा. इस पद की दौड़ में एसआईटी के सदस्य एडीजी मिलिंद का कानस्कर और स्पेशल डीजी अरुणा मोहन राव का नाम शामिल है. राव एसआईटी की सदस्य नहीं हैं लेकिन बताया जा रहा है कि सरकार इनके नाम की सिफारिश हाईकोर्ट में कर सकती है.

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