आईआईटी इंदौर को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने विशेष प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ की ग्रांट देने का निर्णय लिया है। सिस्टम सिमुलेशन, मॉडलिंग व साइबर भौतिक प्रणालियों के विजुलाइजेशन पहलुओं पर टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब स्थापित करने के लिए यह राशि दी गई है। यह प्रस्ताव आईआईटी इंदौर के 8 संकाय सदस्यों की तरफ से रखा गया था। इनमें डॉ. पवन कुमार कांकर, डॉ. भूपेश कुमार लाड, डॉ. अभिनव क्रांति, डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव, डॉ. संदीप चौधरी, डॉ. अंकुर मृगलानी, डॉ. भार्गव वैद्य और किरण बाला शामिल थे। अब कुशल मानव संसाधनों के विकास में आईआईटी इंदौर के यह हब सीधा योगदान देगा।
कैसे काम होगा हब में
दरअसल ज्यादातर आधुनिक प्रणालियों में इंटरनेट ऑफ थिंग्स की तैनाती के जरिए व्यापक रूप से परस्पर जुड़े रहने के साथ डिजिटल उपस्थिति दर्शाता है। सीपीएस के रूप में पहचाने जाने वाले इस सिस्टम में डेटा एनालिटिकल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके स्वत: निर्णय लेने में सक्षम है। आईआईटी इंदौर ने सायबर फिजिकल सिस्टम के क्षेत्र में कौशल वृद्धि, प्रौद्योगिकी विकास और उत्पाद व्यवसायीकरण को लेकर विस्तृत योजना बनाई है। उसी पर यह हब काम करेगा।
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