Sunday, 25th May 2025

कोरोना का कहर:एम्स और मेकाहारा से इनकार तो सिम्स रेफर किया जहां कोविड मरीज नहीं जाते, रास्ते में मौत

Mon, Aug 10, 2020 3:29 PM

बिलासपुर में कोरोना से मौतों का दौर अब शुरू हो चुका है। दो नई मौतों को मिलाकर मरने वालों की संख्या 12 पहुंच गई है। अगस्त के 9 दिन में सात कोरोना पीड़ित मरे हैं। इधर संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 877 पहुंच गया है। रविवार को 35 नए मरीज मिले हैं। मोपका निवासी 38 वर्षीय महिला की केयर एंड क्योर हॉस्पिटल और शांति नगर निवासी 65 वर्षीय महिला की जिला अस्पताल से रेफर के बाद सिम्स की दहलीज पर मौत हुई है। 65 वर्षीय महिला की मौत के बाद सवाल उठ रहा है कि सिम्स कोविड सेंटर नहीं है बावजूद इसके महिला को यहां क्यों रेफर किया?

जिला अस्पताल प्रबंधन अपने बचान में कह रहा है कि पहले एम्स और मेकाहारा रायपुर रेफर कर रहे थे लेकिन उन्होंने हाथ खड़े कर दिए बेहतर इलाज हो सके इसलिए आनन-फानन में महिला को सिम्स भेज था। जबकि महिला के परिजन कह रहे हैं कि हमने निजी अस्पताल जाने के लिए कहा था मगर हमारी नहीं सुनी गई। अस्पताल की लापरवाही से महिला की मौत हुई है। इधर लगातार हो रही मौतों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की चिंता बढ़ा दी है। बिलासपुर में एक्टिव मरीजों की संख्या 210 है।

मैंने कहा था कि निजी अस्पताल में दिखा लेंगे लेकिन किसी ने नहीं सुनी, इलाज में लापरवाही से हुई सास की मौत

मैं और मेरी 65 साल की सास की कोरोना रिपोर्ट 30 जुलाई को पॉजिटिव आई थी। तब से हम दोनों शहर के कोविड अस्पताल में भर्ती हैं। मुझे 7 अगस्त को डिस्चार्ज किया जा रहा था लेकिन मैं नहीं गया क्योंकि मुझे अपनी सास की देखरेख करनी थी। कोविड अस्पताल आने से पहले मेरी सास एकदम ठीक थीं लेकिन यहां आने के बाद उनकी हालत बिगड़ती गई। तीन दिन पहले उन्हें सांस लेने में ज्यादा तकलीफ होने लगी। हृदय में परेशानी बढ़ गई तो जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया।

आराम नहीं होने पर रायपुर रेफर करने की तैयारी चल रही थी लेकिन रायपुर वालों ने मरीज को लेने से मना कर दिया। डॉक्टर परेशान होने लगे तो मैंने कहा भी कि हम अपोलो या किसी दूसरे अस्पताल में दिखा लेंगे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। हालत बिगड़ी गई और फिर अंतिम समय में सिम्स के रेफर कर दिया। सिम्स के गेट पर ही मेरी सास की मौत हो गई। जिला अस्पताल वालों की लापरवाही के कारण ही मेरी सास की मौत हुई है। कोविड अस्पताल में बुजुर्ग महिला के साथ भर्ती उनके 47 वर्षीय दामाद ने बताया

30 जुलाई को कोरोना रिपोर्ट आई थी पॉजिटिव तब से थी भर्ती

मोपका निवासी 38 वर्षीय महिला 7 अगस्त से केयर एंड क्योर अस्पताल में भर्ती थी। इससे पहले महिला का इलाज प्रथम हॉस्पिटल में चल रहा था। हालत में सुधार नहीं हुआ तो इसे रेफर किया गया। शनिवार की शाम को उसकी मौत हो गई। मौत से पहले महिला की एंटिजन किट से कोरोना जांच पॉजिटिव आई थी। तोरवा मुक्तिधाम में रविवार को महिला का अंतिम संस्कार कर दिया गया। शांति नगर निवासी 65 साल की बुजुर्ग महिला की रिपोर्ट 30 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव आई थी। उनके साथ उनके 47 वर्षीय दामात भी संक्रमित हुए थे। तब से दोनों कोविड हॉस्पिटल में भर्ती थे। महिला की हालत अचानक बिगड़ने लगी और इतनी ज्यादा खराब हो गई कि उनकी मृत्यू हो गई।

सीधी बात: सुषमा कुजुर, डॉक्टर जो कर रही थीं महिला का इलाज

सिम्स कोविड मरीजों को नहीं भर्ती करता तो फिर यहां महिला को क्यों रेफर किया?
- एम्स और मेकाहारा ने मना कर दिया। महिला को वेंटिलेटर की तुरंत जरूरत थी इसलिए उन्हें रेफर किया था।
एक दिन पहले ही सिम्स ने यह कह कर मना किया था कि हमारे पास कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर नहीं हैं फिर भी वहीं भेज दिया?
- मरीज की हालत गंभीर थी इसलिए उसे रेफर कर दिया।
किसी दूसरे अस्पताल भी तो रेफर कर सकते थे?
- हमारा प्रोटोकाल है कि सरकारी से सरकारी ही रेफर कर सकते हैं। इसलिए निजी में नहीं भेजा।

इन इलाकों में मिले मरीज

उम्र लिंग स्थान 30 महिला पीपल चौक तालापारा 5 बच्चा पीपल चौक तालापारा 63 महिला पीपल चौक तालापारा 70 पुरुष पीपल चौक तालापारा 61 पुरुष देवनंदन नगर 3 बच्चा देवनंदन नगर 24 महिला ओमनगर जरहाभाठा 17 पुरुष गुरुनानक चौक 61 पुरुष रिंगरोड 46 पुरुष राजेंद्र नगर 27 पुरुष सिंधीकॉलोनी 32 पुरुष लगरा 29 पुरुष लगरा 45 पुरुष लगरा 60 महिला केसला 11 बच्चा केसला 50 पुरुष फरहदा 30 पुरुष फरहदा उम्र लिंग स्थान 40 पुरुष फरहदा 17 महिला केसला 38 महिला केसला 41 पुरुष सिरगिट्‌टी 21 पुरुष गतौरा 25 पुरुष गतौरा 20 पुरुष गतौरा 22 पुरुष गतौरा 4 बच्चा गतौरा 27 महिला गतौरा 26 महिला गतौरा 30 पुरुष कौड़िया 45 महिला गतौरा 25 पुरुष डरसागर 32 पुरुष डरसागर 29 पुरुष टेंगनमाड़ा 25 पुरुष टेंगनमाड़ा कुल 35 केस

नियम के अनुसार डिस्चार्ज कर सकते थे लेकिन महिला की बिगड़ी हालत ठीक नहीं थी, इसलिए किया रेफर : जिला अस्पताल के आरएमओ डॉक्टर मनोज जायसवाल ने बताया कि महिला को हार्ट में तकलीफ थी। नियम के अनुसार रिपोर्ट आने के बाद 10 दिन पूरे हो गए थे। उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर सकते थे लेकिन हालत ठीक नहीं थी इसलिए नहीं किया, उन्हें रेफर कर दिया। महिला को बीपी-सुगर के साथ हार्ट में दिक्कत थी।

सैंपल नहीं लिया क्योंकि पहले ही कोविड अस्पताल में भर्ती थी : सिम्स की पीआरओ डॉक्टर आरती पांडेय का कहना है कि सिम्स पहुंचने से पहले की महिला की मौत हो गई थी। चूंकि कोविड अस्पताल में भर्ती थी इसलिए उसका सैंपल नहीं लिया गया। क्योंकि कोरोना की पुष्टि तो पहले से ही थी। शव अभी मरच्यूरी में रखवा दिया है। शासन को जानकारी दे दी गई है। अब उसका अंतिम संस्कार परिजन करेंगे या शासन उच्च-अधिकारी तय करेंगे।

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