आलू की फसल को लेकर किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पिछले साल आलू की खेती से हुए घाटे से अभी किसान उबर नहीं पाए थे। वहीं आलू की फसल में सफेद कीट लगने से 50 फीसदी फसल नष्ट हो गई है। इस कारण किसान परेशानी में हैं। क्षेत्र की ज्यादातर आलू फसल में यह रोग मिल रहा है। इससे किसानों की फसल बर्बाद होने की कगार पर है। किसानों को ऐसे में अब खेती के लिए भारी भरकम लोन व ब्याज के पैसे चुकाने की चिंता सता रही है। बता दें कि अभी पिछले महीने ही आलू बोवनी का काम ख़त्म हुआ है।
आलू की लहलहाती फसल को देखकर किसानों को आस थी कि तैयार होने के बाद सब कुछ ठीक हो जायेगा, लेकिन यहां किसान मुश्किल में पड़ गए हैं। आलू की फसल में सफेद कीड़े लगने से बीज ही सड़ रहा है। सामरीपाट क्षेत्र में इस बार करीब दो हजार एकड़ में आलू की फसल है। जिसमें बंपर पैदावार होने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन ग्राम सेरेंगदाग व चुटईपाठ सहित कई इलाकों में रोग लगने से आलू की पैदावार पर बुरा असर पड़ेगा।
पिछले साल: हुए नुकसान की भरपाई होने की उम्मीद टूटी
किसान चंपालाल ने बताया कि फसल में सफ़ेद कीट आलू के बीज को ही नष्ट कर दे रहा है। किसान पृथ्वीचंद यादव ने बताया रोग फैलने के कारण आलू की खेती ही खराब हो जा रही है। आलू के बीज में ही कीड़े लग गए हैं। इसके लिए काफी प्रयास किए उसके बाद भी खेत में रोग फैलता ही जा रहा है। पिछले साल हुए नुकसान की इस वर्ष भरपाई की उम्मीद थी, लेकिन रोग होने के कारण वह भी नष्ट हो गई।
सरकारी सहायता के बिना किसान कर रहे आलू की खेती
ब्लॉक में इन दिनों सामरीपाट क्षेत्रों के आलू उत्पादक किसानों ने आलू उत्पादन के क्षेत्र में विशेष पहचान दिलाई है। आलू का सीजन शुरू होते ही देश की सबसे बड़ी आलू मंडी यूपी के व्यवसायी पाट क्षेत्रों में नजर बनाए रहते हैं। इन सबके बावजूद आलू की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा हो सकती है। किसानों को सरकारी सहायता के नाम पर कुछ भी नहीं मिल रहा है। बीज उपलब्ध कराने की योजना भी सरकार बंद कर चुकी है।
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