Friday, 30th May 2025

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश:मप्र में बनाएंगे डेशबोर्ड, जहां सभी जिलों की मासिक रैंकिंग बनेगी : नीति आयोग

Sat, Aug 8, 2020 5:17 PM

मध्यप्रदेश को अगले तीन माह में आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुक्रवार से शुरू हुई वेबिनार शृंखला में विषय विशेषज्ञों ने कई अहम सुझाव दिए। वेबिनार में शामिल नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि मप्र को देश का नंबर वन राज्य बनाने के लिए मिलकर पूरे प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश में एक डेशबोर्ड बनाएंगे। इससे सभी जिलों की मासिक रैंकिंग की जा सकेगी और यह जानकारी भी मिलेगी कि कौन सा विभाग कैसा काम कर रहा है।

नीति आयोग के एडवाइजर संजय कुमार साहा ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में सभी लोगों को 800 मीटर के अंदर परिवहन का कोई न कोई स्टेशन या साधन उपलब्ध होना चाहिए। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के लिए एक कंसल्टेंट जरूर नियुक्त किया जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस मंथन का जो निचोड़ निकलेगा, उससे त्रिस्तरीय रोडमैप बनेगा।

पहले, दूसरे व तीसरे वर्ष के लक्ष्य के साथ ही वार्षिक लक्ष्य भी प्रत्येक तिमाही में प्राप्त करने की कोशिश होगी। इसे जल्द ही जनता के सामने रखा जाएगा और स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें इसकी रणनीति से अवगत कराया जाएगा। वेबिनार की शृंखला में चार दिन तक अलग-अलग विषयों पर विशेषज्ञों से चर्चा की जाएगी। वेबीनार के पहले दिन भौतिक अधोसंरचना के विभिन्न क्षेत्रों पर विचार किया गया। इसमें सीएम ने प्रदेश में किए जा रहे कामों का जिक्र करते हुए कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स कल्याण में हम देश में अग्रणी हैं। कोविड-19 की परिस्थितियों में कुछ बड़ी कंपनियां देश में आ सकती हैं। मप्र में इन कंपनियों का निवेश होने से आर्थिक क्षेत्र में परिवर्तन आएगा। प्रदेश में 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया, यह देश में सर्वाधिक है। शिवराज सिंह ने चंबल एक्सप्रेस-वे, रीवा सौर ऊर्जा परियोजना के साथ मुरैना, छतरपुर, रतलाम, नीमच और शाजापुर में भी सौर ऊर्जा के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया।

टूरिज्म व टाइगर सफारी को बढ़ावा दे मप्र : प्रभु
सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रदेश को ‘ग्लोबल वैल्यू चेन’ और ‘ग्लोबल सप्लाई चेन’ से जोड़ना होगा। एयर कार्गों सेवाओं का विस्तार करना होगा। मप्र में नेशनल लॉजिस्टिक हब बनाने कीअपार संभावनाएं हैं। बासमती चावल सहित जिलों की विशेष वस्तुओं की जीआई टैगिंग करानी होगी। प्रयास करने होंगे कि यहां विश्व की ‘फ्यूचरिस्टिक इंडस्ट्रीज’ आएं। टूरिज्म एवं टाइगर सफारी को बढ़ावा देना होगा। प्रदेश के टाइगर रिजर्व को एडॉप्ट करना यहां के टूरिज्म को बढ़ावा देने में सहायक होगा। बेविनार में मुख्य रूप से नीति आयोग, विश्व बैंक, टाटा पावर, अडानी लॉजिस्टिक लिमिटेड, नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इन इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, आईआईटी चैन्नई, वाटर एड इंडिया, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान, मप्र पावर मैनेजमेंट के पदाधिकारी शामिल थे।

विशेषज्ञों ने दिए ये सुझाव...

  • इंदौर-भोपाल में ‘प्राइयोरिटी कॉरिडोर’ निर्माण हो। चंबल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे को जल्द पूरा करने भूमि अधिग्रहण के लिए पोर्टल बने।
  • उद्योग व व्यापार के मामले जल्द निपटाने के लिए हाई पावर कमेटी गठित की जाए। Á मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब बनाया जाए।
  • सभी शहरी बायपास व रिंग रोड स्ववित्त पोषित परियोजना के रूप में लिए जाएं।
  • ग्रामीण, ट्राइबल एरिया टूरिज्म व फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए।
  • वर्ष 2024 तक प्रदेश कर हर घर नल-जल से जुड़े।
  • 50 हजार प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मैसन आदि के प्रशिक्षण की व्यवस्था।

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