Friday, 23rd May 2025

लेबनान के राष्ट्रपति ने कहा-बेरूत विस्फोट में बाहरी हाथ, यूएन ने स्वतंत्र जांच की मांग की

Sat, Aug 8, 2020 4:37 PM

 लेबनान की राजधानी बेरूत में 5 अगस्त को हुए जोरदार धमाके (Berut Explosion) के बाद शुक्रवार देर शाम तक मलबों के बीच खोजबीन जारी रही. इस घटना में अबतक 154 लोगों के मारे जाने की पुष्टि (One Hundred Fifty Four Died) हुई है जबकि 5,000 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं. इस विस्फोट के चलते अनाज के बड़े गोदाम तबाह हो गए और बंदरगाह के आसपास के इलाकों में काफी तबाही मची है. शहर में चारों ओर शीशा और मलबा बिखरा पड़ा है. इस बीच लेबनान के राष्ट्रपति माइकेल आउन (President Michel Aoun) ने कहा कि विस्फोट की वजह का अब तक पता नहीं चल पाया है. संभावना है कि इसके पीछे रॉकेट, बम या अन्य बाहरी ताकत का हाथ हो. उन्होंने कहा कि इस पर भी जांच हो रही है कि विस्फोटक पदार्थ कैसे आया/स्टोर हुआ और क्या विस्फोट लापरवाही/दुर्घटना का नतीजा था.

संयुक्त राष्ट्र ने की इस मामले की स्वतंत्र जांच की अपील

संयुक्त राष्ट्र ने इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र मानाधिकार उच्चायुक्त के प्रवक्ता रूपर्ट कॉलविले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लेबनान की मदद के लिये आगे आने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि लेबनान सामाजिक-आर्थिक संकट, कोविड-19 और अमोनियम नाइट्रेट धमाके समेत तीन त्रासदियों का सामना कर रहा है.

फ्रांस और रुस के बचाव दल खोज अभियान में लगी
इससे पहले फ्रांस और रूस के बचाव दल खोजी कुत्तों के साथ शुक्रवार को बंदरगाह में खोज अभियान चला रहे थे. एक दिन पहले फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने घटनास्थल का दौरा किया था और सहायता का वादा किया था. इस विस्फोट में 2750 टन एमोनियम नाइट्रेट इस्तेमाल हुआ था. विस्फोटक और उर्वरक के काम में आने वाले रसायन को 2013 में एक पोत से जब्त किया गया था और तभी से यह बंदरगाह पर रखा हुआ था.

इस घटना को लेकर सरकार की कड़ी निंदा

विस्फोट के बाद सरकार ने जांच शुरू कर दी है. वहीं सरकार की जबर्दस्त आलोचना भी हो रही है. कई देशवासी घटना के लिए लापरवाही और भ्रष्टाचार को कसूरवार ठहरा रहे हैं. विस्फोट के पीड़ितों का पता लगाने में मदद के लिए कई देशों ने खोज एवं बचाव दल भेजे हैं.

तीन लाख लोग घर लौट पाने की हालत में नहीं हैं लोग

अनाज गोदाम के पास मलबे में मिले लोगों में जोई अकीकी भी शामिल हैं. 23 वर्षीय अकीकी बंदरगाह के कर्मी हैं और विस्फोट के बाद से ही लापता थे. अभी भी दर्जनों लोग लापता हैं. बेरूत के करीब तीन लाख लोग अपने घर नहीं लौट पा रहे हैं, क्योंकि विस्फोट के कारण उनके घरों के दरवाजे-खिड़कियां उड़ गईं. कई इमारतें रहने लायक नहीं हैं.
 

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