लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत लगातार चीन (India-China Rift) के खिलाफ सख्त रुख अपना रह है. अब भारत चीन के साथ अपने आर्थिक संबंधों को और कम करने की कवायद में जुट गया है. इस बार भारत ने इंटरनेशनल सोलर अलायंस (ISA) के सदस्य राष्ट्रों के लिए सबसे बड़ी वैश्विक सौर घरेलू प्रणाली मूल्य खोज निविदा में भाग लेने से चीनी कंपनियों (Chinese Companies) को अयोग्य घोषित करने की योजना बनाई है.
EESL 4.7 करोड़ होम पावर सिस्टम का ऑर्डर देने की कवायद में जुटी है
सरकारी कंपनी एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेस लिमिटेड (EESL) 4.7 करोड़ होम पावर सिस्टम का आर्डर देने की कवायद में लगी है. इनकी कीमत करीब 28 अरब डॉलर होगी. पहले चरण में 93 लाख हाम पावर सिस्टम का आर्डर दिया जाएगा. इस होम पावर सिस्टम में सोलर पैनल, बैटरी, एलईडी बल्ब, पंखा के साथ रेडियो, टीवी का चार्जिंग पोर्ट शामिल है. इसके लिए इच्छुक कंपनियों को 31 अक्टूबर 2020 तक अपनी-अपनी निविदा सौंपनी है. इसके बाद तय कीमत को सभी आईएसए सदस्य देशों को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा. इसके बाद तय कीमत सभी बड़े वैश्विक आर्डर्स के लिए रेफरेंस प्वाइंट का काम करेगी.
चीन को लेकर भारत के रुख से ISA जैसे कार्यक्रमों पर भी पड़ेगा असरइस पूरी कवायद के लिए बृहस्पतिवार को प्री-बिड कांफ्रेंस बुलाई गई थी. चीन (China) से आयात को लेकर भारत (India) के रुख के कारण इंटरनेशनल सोलर अलायंस जैसी बहुपक्षीय परियोजनाओं (Multilateral Engagements) पर भी असर पड़ सकता है. आईएसए को तमाम देशों की विदेश नीति में काफी अहम माना जा रहा है. वहीं, चीन अपनी वन बेल्ट, वन रोड परियोजना में कई देशों को शामिल करने की कोशिश कर रहा है. टेंडर डॉक्युमेंट्स के मुताबिक, बिना बिजली के 1 अरब आबादी की ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए आईएसए ने सोलर होम सिस्टम के प्रावधानों को सुविधाजनक बनाने की योजना बनाई है.
सीमा से लगे किसी देश को सरकारी खरीद में शामिल होने की मंजूरी नहीं
आईएसए अपने सदस्य देशों के लिए सोलर होम सिस्टम की कीमतों की पड़ताल कर रहा है. इस पूरी कवायद में ईईएसएल आईएसए की मदद करेगा. ईईएसएल के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकरी उपक्रम होने के कारण हम उद्योग प्रोत्साहन विभाग (DPIIT) के आदेश के बाद किसी भी चीनी कंपनी को निविदा प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं दे सकते हैं. एक अधिकारी ने बताया कि आदेश के मुताबिक भारत की सीमा से लगे किसी भी देश की कंपनियों को सरकारी खरीद प्रकिया में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा रही है. इसके लिए संबंधित विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है.
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