राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या में कुछ कमी आ रही है। सोमवार को शहर में 69 समेत प्रदेश में कोरोना के 212 नए मरीज मिले हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। उन्हें एम्स में भर्ती किया गया है। राजभवन में 7 कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद इसे सात दिन के लिए बंद कर दिया गया है। 9 अगस्त तक राजभवन सचिवालय में कोई काम नहीं होगा। इधर, कोरोना से पिछले 24 घंटे में रायपुर में दो व राजनांदगांव में एक व्यक्ति की जान गई है। इसे मिलाकर रायपुर में 31 व प्रदेश में 62 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। नए मरीजों में दुर्ग से 32, जांजगीर-चांपा से 27, जशपुर से 25, रायगढ़ से 15, कोरबा से 4, महासमुंद से 3, सूरजपुर व धमतरी से 2-2, राजनांदगांव-कांकेर से एक-एक मरीज मिले हैं। प्रदेश में मरीजों की संख्या 9822 पहुंच गई है। एक्टिव केस 2503 हैं। वहीं 7256 लोग इलाज के बाद स्वस्थ हुए हैं। सोमवार को 265 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। प्रदेश में अब तक 3.34 लाख सैंपलों की जांच की जा चुकी है। अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में वायरोलॉजी लैब में सैंपलों की जांच शुरू हो गई है। अंबेडकर अस्पताल के शिशुरोग विभाग की महिला डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रायपुर में दो लोगों की कोरोना से मृत्यु हुई है। एम्स में सोमवार को सुबह शहर की एक प्रमुख मस्जिद के इमाम के 37 वर्षीय बेटे ने दम तोड़ा। वह युवा था और कोई बीमारी भी नहीं थी। उसे 22 जुलाई को सांस में तकलीफ की वजह से भर्ती किया गया था। उसकी पत्नी और दो छोटे बच्चे भी संक्रमित हुए थे, जो आज ही ठीक होकर डिस्चार्ज हो गए। मंदिर हसौद के 53 वर्षीय व्यक्ति को निमोनिया के बाद 31 जुलाई को अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी रात उसने दम तोड़ दिया। उसकी रिपोर्ट 2 अगस्त को पॉजिटिव आई। इसी तरह, लालपुर स्थित एक निजी अस्पताल में डोंगरगांव के 47 वर्षीय पुलिसकर्मी की कोरोना से मौत हुई है। वह हायपरटेंशन व शुगर का मरीज था। नेहरू मेडिकल काॅलेज रायपुर के लैब को सेनेटाइज करने के कारण सोमवार को एक भी सैंपल की जांच नहीं हुई। डॉक्टरों के अनुसार अब हर महीने के पहले सोमवार को लैब को सेनेटाइज किया जाएगा।
रायपुर में सर्वाधिक मौतें
मौत के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 29 मई को कोरोना से पहली मौत हुई थी। मृतक बिरगांव का था। दो महीने में 62 लोग जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा 31 मरीजों की मौत रायपुर में हुई है। इसके बाद दुर्ग में 8 लोगों की जान गई है। अंबेडकर अस्पताल के पीडियाट्रिक की एचओडी डॉ. शारजा फुलझेले व सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. राजीव साहू का कहना है कि अब ऐसे गंभीर मरीज भी आ रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो। मई तक ऐसे मरीज कम थे। अब 30 फीसदी मरीज सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण के साथ आ रहे हैं, अर्थात फेफड़े में इंफेक्शन। यह कोरोना के घातक लक्षणों में है।
तीन दिन से जांच भी कम
कई लैब टेक्नीशियनों के छुट्टी पर जाने से पिछले तीन दिन से कम जांच हो रही है। इससे लैब में कम सैंपलों की जांच हो रही है। आरटीपीसीआर हो या ट्रू नॉट मशीन, इसमें टेक्नीशियन ही मशीन की मदद से स्वाब की जांच करते हैं। यही कारण है कि पिछले तीन दिनों से रायपुर में मरीजों का आंकड़ा 100 से कम जा रहा है। प्रदेश में भी कम मरीज मिल रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि लैब टेक्नीशियन लौटने लगे हैं, इससे ज्यादा सैंपलों की जांच व सैंपलिंग होगी और मरीज बढ़ेंगे।
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