विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस एडोनोम गेब्रिएसस (Tedros adhanom) ने कहा कि उम्मीद है कि कोविड-19 की वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) मिल जाए, लेकिन अभी इसकी कोई अचूक दवा नहीं है और संभव है कि शायद कभी ना हो. WHO ने सोमवार को कहा कि भले ही COVID-19 से बचने के लिए वैक्सीन बनाने की रेस तेज हो गई है, लेकिन कोरोना वायरस के जवाब में कोई 'रामबाण' समाधान शायद कभी न निकल सके. WHO ने यह भी कहा है कि भारत जैसे देशों में ट्रांसमिशन रेट बहुत ज्यादा है और अभी उन्हें काफी लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए.
WHO के डायरेक्टर टेड्रोस ऐडनम ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अभी इसका कोई पुख्ता इलाज नहीं है और शायद कभी होगा भी नहीं. उन्होंने यह भी कहा है कि अभी हालात सामान्य होने में और वक्त लग सकता है. टेड्रोस इससे पहले भी कई बार कह चुके हैं कि शायद कोरोना कभी ख़त्म ही ना हो और इसी के साथ जीना पड़े. इससे पहले टेड्रोस ने कहा था कि कोरोना दूसरे वायरस से बिल्कुल अलग है क्योंकि वह ख़ुद को बदलते रहता है. WHO प्रमुख ने कहा था कि मौसम बदलने से कोरोना पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कोरोना मौसमी नहीं है. टेड्रोस ने कहा कि दुनिया भर के लोग कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ का अच्छे से धोना और मास्क पहनने को नियम की तरह ले रहे हैं और इसे आगे भी जारी रखने की ज़रूरत है. दुनिया भर में अब तक एक करोड़, 81 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. मरने वालों की तादाद भी छह लाख, 89 हज़ार पहुंच गई है.
वैक्सीन से राहत मिल ही जाए, ये जरूरी नहीं
टेड्रोस ने कहा, 'कई वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में हैं और हम सबको उम्मीद है कि कोई एक वैक्सीन लोगों को संक्रमण से बचाने में कारगर साबित होगी. हालांकि अभी इसकी कोई अचूक दवाई नहीं है और संभव है कि शायद यह कभी नहीं मिले. ऐसे में हम कोरोना को टेस्ट, आइसोलेशन और मास्क के ज़रिए रोकने का काम जारी रखें.' उन्होंने ने ये भी कहा कि जो माताएं कोरोना संदिग्ध हैं या कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है उन्हें स्तनपान कराना नहीं रोकना चाहिए. WHO के इमर्जेंसी हेड माइक रायन ने सभी देशों से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग कायम करने, हाथ धोने और टेस्ट कराने जैसे कदम उठाने में कड़ाई बरतने को कहा है. टेड्रोस ने कहा कि लोगों और सरकार के लिए संदेश साफ है कि सब कुछ करें. उन्होंने का मास्क को लोगों के बीच एकजुटता का प्रतीक बनना चाहिए.
टेड्रोस ने इससे पहले जून महीने में भी कहा था, 'हम ये जानते हैं कि बड़ों के मुक़ाबले बच्चों में कोविड-19 का जोखिम कम होता है, लेकिन दूसरी ऐसी कई बीमारियां हैं जिससे बच्चों को अधिक ख़तरा हो सकता है और स्तनपान से ऐसी बीमारियों को रोका जा सकता है. मौजूदा प्रमाण के आधार पर संगठन ये सलाह देता है कि वायरस संक्रमण के जोखिम से स्तनपान के फ़ायदे अधिक हैं.' उन्होंने कहा था, 'जिन मांओं के कोरोना संक्रमित होने का शक है या फिर जिनके संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है उन्हें बच्चे को दूध पिलाने के लिए उत्साहित किया जाना चाहिए. अगर मां की तबीयत वाक़ई में बहुत ख़राब नहीं है तो नवजात को मां से दूर नहीं किया जाना चाहिए.'
#UPDATE The WHO urged governments and citizens to focus on doing the known basics, such as testing, contact tracing, maintaining physical distance and wearing a mask in order to suppress the pandemic, which has upended normal life around the globehttps://t.co/zl5PtJRKtE pic.twitter.com/yqhTUBzZU6
— AFP news agency (@AFP) August 3, 2020
Comment Now