15 दिसंबर की रात जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (Jamia millia islamia university) में तोड़फोड़ हुई थी. सीएए-एनआरसी (CAA-NRC) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों का पीछा करते हुए पुलिस (Police) जामिया के अंदर तक घुस आई थी. ज़ाकिर हुसैन और ओल्ड लाइब्रेरी में तोड़फोड़ की गई थी. एसआरके हॉस्टल, मुहीबुल हसन बिल्डिंग और क्लासरूम में भी तोड़फोड़ की गई थी. फर्नीचर और ग्लास के दरवाजे-खिड़की तोड़ दिए गए थे.
यहां तक की जामिया परिसर में बनी मस्जिद (Mosque) में भी तोड़फोड़ की गई थी. सबूत मिटाने के मकसद से सीसीटीवी (CCTV) और डीवीआर तक तोड़ दी गईं थी. इतना ही नहीं लाइब्रेरी में लगी सभी महापुरुषों की तस्वीर को भी नुकसान पहुंचा है. यह खुलासा जामिया से आरटीआई (RTI) में मिले एक जवाब से हुआ है. खुद वाइस चांसलर (Vice chancellor) नजमा अख्तर भी बता चुकी हैं कि यूनिविसर्टी को इस तोड़फोड़ से 2.66 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
किसने की यह तोड़फोड़, यह बोली यूनिवर्सिटी
15 दिसंबर की रात सीएए-एनआरसी के विरोध-प्रदर्शन के दौरान जामिया में हिंसा हुई थी. इस हिंसा में जामिया को 2.66 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यह तोड़फोड़ किसने की, छात्रों ने या पुलिस ने. यूनिवर्सिटी की ओर से इस बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा गया है. आरटीआई में भी जब इस तोड़फोड़ के लिए कौन ज़िम्मेदार है यह पूछा गया तो जामिया यूनिवर्सिटी की ओर से इस बारे में जवाब दिया गया है, “जामिया के आंदोलनकारी छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई में जामिया मिलिया इस्लामिया की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया.”
एमएचआरडी को भेजी गई है नुकसान की रिपोर्ट
जानकारों की मानें तो जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने यूनिवर्सिटी के अंदर हुई तोड़फोड़, इस तोड़फोड़ में हुए नुकसान की रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी भेजी है. गौरतलब है कि जामिया के छात्रों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने परिसर के अंदर घुसकर उनके ऊपर लाठीचार्ज किया, टीयर गैस भी दागी गई. लाइब्रेरी में बैठे छात्र-छात्राओं को पीटा गया. वहीं पुलिस का भी आरोप था कि छात्र परिसर के अंदर से पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी कर रहे थे.
Comment Now