Monday, 26th May 2025

भारत ने उत्तरी लद्दाख में तैनात किए हैवी टैंक, चीन को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब

Tue, Aug 4, 2020 5:16 AM

चीन (China) ने लद्दाख (Ladakh) में दौलत बेग ओल्डी (Daulat Beg Oldi- DBO) और देपसांग मैदानों के विपरीत दिशा में 17,000 से अधिक सैनिकों और बख्तरबंद वाहनों (armored vehicles) की तैनाती की है. इसके बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की ओर से किये जाने वाले किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए भारत ने इन क्षेत्रों में सैनिकों और टैंक रेजीमेंटों (troops and tank regiments) की भारी तैनाती की है.

सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया, "हमने डीबीओ और डेपसांग मैदानी क्षेत्र में टी-90 रेजीमेंट (T-90 Regiment) सहित सेना और टैंकों की बहुत भारी तैनाती की है. T-90 एक बख्तरबंद डिवीजन (armored divisions) का हिस्सा हैं." सूत्रों ने बताया, 'काराकोरम दर्रे (PP-3) के पास पेट्रोलिंग पॉइंट 1 से डेपसांग मैदानों के पास तक तैनाती की गई है, जहां अप्रैल-मई से ही चीन ने 17,000 से अधिक सैनिकों को जुटा लिया है और वे पीपी-10 से पीपी-13 तक भारतीय गश्तों (Indian Patrols) को रोक रहे हैं.'

सड़क और हवाई दोनों ही मार्गों से ले जाकर तैनात की गई सेना
उन्होंने कहा, 'बख़्तरबंद तैनाती ऐसी है कि चीनी अगर चीन किसी दुस्साहस की कोशिश भी करता है तो वहां ऐसा कर पाना मुश्किल होगा.' सूत्रों ने कहा, "चीनियों के डीबीओ और डेपसांग के विपरीत सेना जुटाने से पहले पूरे क्षेत्र की देखभाल एक पहाड़ी ब्रिगेड और एक बख्तरबंद ब्रिगेड द्वारा की जा रही थी लेकिन चीन के खतरे से निपटने के लिए आज 15,000 से अधिक सैनिकों और कई टैंक रेजीमेंटों को सड़क और हवाई दोनों ही मार्गों से यहां ले जाया गया है.'

पहले एक बार भारतीय सैनिक नाकाम कर चुके हैं चीन की ये योजना
इस क्षेत्र में चीनियों के प्रमुख इरादों में से एक अपने TWD बटालियन मुख्यालय से DBO सेक्टर के सामने काराकोरम पास इलाके तक एक सड़क का निर्माण करना और वहां की बटालियन को जोड़ना है.

सूत्रों ने बताया कि कनेक्टिविटी योजना, जिसे अतीत में नाकाम कर दिया गया था, दोनों चीनी इकाइयों को अपने क्षेत्र में राजमार्ग G219 के माध्यम से 15 घंटे की ड्राइव को कुछ घंटों में दूसरे तक पहुंचने की छूट देगी.

चीनियों ने सीमा में घुसकर बना दिया था नाले पर पुल, भारतीय सैनिकों ने तोड़ा
सूत्रों ने बताया कि एक छोटा पुल पीपी -7 और पीपी-8 के पास नाला (नाली) पर भारतीय क्षेत्र के अंदर चीनियों ने बना दिया था, लेकिन इसे कुछ साल पहले भारतीय सैनिकों ने तोड़ दिया था.

वर्तमान में, भारत और चीन फिंगर क्षेत्र और अन्य घर्षण बिंदुओं से हो रहे विघटन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक संवाद में लगे हुए हैं, लेकिन डेपसांग मैदानों और डीबीओ क्षेत्र में एलएसी पर चीनी सैनिकों के जुटाने की बात को अभी तक सैन्य वार्ता में शामिल नहीं किया गया है.

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery