कोरोना (corona) महामारी ने भक्तों को भी भगवान से दूर कर दिया है.लेकिन इंदौर शहर में एक परिवार ऐसा भी है जो इस महामारी और आर्थिक तंगी के हालतों के बीच भी अपनी परंपरा निभा रहा है.इंदौर के पालरेचा परिवार ने इस साल भी खजराना गणेश को अष्ट धातु से बनायी भगवान सूर्यनारायण की राखी (rakhi) भेंट की है.
12 ज्योतिर्लिंग के साथ सूर्यनारायण
कोरोना महामारी के कारण अभी भक्तों का खजराना गणेश मंदिर में प्रवेश बंद है. इसलिए पालरेचा परिवार ने ये राखी खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित अशोक भट्ट को भेंट कर दी. मंदिर के पुजारी ने राखी भगवान को चढ़ा दी. ये राखी 40 बाय 40 इंच की है जो अष्ट धातु से बनायी गयी है. इसमें भगवान सूर्य नारायण को 12 ज्योतिर्लिंग के साथ दर्शाया गया है.इस राखी की विशेषता ये है कि इसमें सौराष्ट्र के पालीताणा के कलाकारों के साथ-साथ पालरेचा परिवार के बच्चे से लेकर 55 साल की उम्र तक के लोगों ने मिलकर ये राखी बनायी.
राखी में नग-नगीने
भगवान सूर्य नारायण की अष्ट धातु की राखी में सोना,चांदी,तांबा, पीतल,जस्ता के साथ-साथ नग नगीने भी लगाए गए हैं. भगवान सूर्य की किरणों के लिए राखी पर जरी का इस्तेमाल किया गया है. पुण्डरीक पालरेचा ने बताया कि राखी तैयार करने में परिवार के एक - एक सदस्य ने 3-3 घण्टे से अधिक का समय दिया है. दो महीने में परिवार के 10 से 12 लोगों ने मेहनत कर इस राखी को आकार दिया है. उनका परिवार 18 साल से रक्षाबंधन पर खजराना गणेश मंदिर के लिए राखी बना रहा है.
कोरोना से मुक्ति का संदेश
देश-दुनिया में जो वैश्विक महामारी फैली है उसी को ध्यान में रखते हुए भगवान सूर्य नारायण की राखी तैयार की गयी है. इससे देश भर में ये संदेश भी दिया जाएगा कि जिस प्रकार अंधेरा होने पर अगले दिन फिर उजाला होता है,ठीक उसी प्रकार देश ओर शहर से ये वैश्विक बीमारी भी खत्म होगी और देश एक बार फिर अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.इस विशाल राखी के साथ ही पालरेचा परिवार ने देश और दुनिया में फैली इस वैश्विक महामारी से उबरने और जनजीवन फिर से सामान्य स्वरूप में आने की कामना भगवान गणेश से की.
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