केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में स्थित पांच कोयला खदानों को लिस्ट से हटा दिया गया है। इनमें मोरगा साउथ, मोरगा टू, मदनपुर नार, सियांग और फतेहपुर ईस्ट शामिल है। इन खदानों में खनन को लेकर राज्य सरकार ने आपत्ति जताई थी। इससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के खनन अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जोशी ने बताया कि देश में पहली बार कॉमर्शियल माइनिंग की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जिन-जिन सरकारों को कॉमर्शियल माइनिंग पर आपत्ति है उनसे बात करें। उन्होंने कहा कि निर्वाचित सरकार किसी की भी हो, उनको साथ लेकर चलना है।
देश की 40 खदानों में कॉमर्शियल माइनिंग, 9 छत्तीसगढ़ की
केंद्रीय मंत्री जोशी ने बताया कि देशभर की 40 खदानों में कॉमर्शियल माइनिंग हो रही है। इनमें छत्तीसगढ़ के 9 कोल ब्लॉक हैं। उन्होंने कहा- अरण्य क्षेत्र स्थित कोल ब्लॉक के स्थान पर राज्य सरकार की ओर से 3 नई खदानों का विकल्प दिया गया है। केंद्र इस पर विचार कर रहा है। पर्यावरण व अन्य आपत्तियों को देखने के बाद इस पर फैसला होगा।
प्रदेश की 20 से 22 कोल ब्लॉक केंद्र के आधीन
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि पहले से ही छत्तीसगढ़ के 20 से 22 कोल ब्लॉक केंद्र सरकार के आधीन है। इनमें से कई में अभी माइनिंग बंद हैं। उन्होंने बताया कि अगर ये सब फिर से शुरू हो जाते हैं। तो राज्य सरकार को हर साल 6 से 8 हजार करोड़ का राजस्व मिलेगा।
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