Thursday, 22nd May 2025

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और राजीव सातव के बीच ट्विटर वॉर, एक-दूसरे से पूछे तीखे सवाल

Sat, Aug 1, 2020 7:36 PM

कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) द्वारा पिछले दिनों राज्यसभा सांसदों (Rajya Sabha MPs) की बुलाई गई बैठक में सांसद राजीव सातव (Rajiv Satav) ने यूपीए 2 सरकार में मंत्री रहे कई वरिष्ठ नेताओं को पार्टी की इस हालत का जिम्मेदार ठहराया था. बैठक में 2 दिन बाद शनिवार को UPA सरकार में मंत्री रह चुके मनीष तिवारी ने ट्वीट कर इशारों में राजीव सातव को जवाब दिया है. राजीव सातव को जवाब देते हुए मनीष ने इशारों में लिखा, बीजेपी 2004 से 2014 के बीच सत्ता से बाहर थी. एक बार भी उन्होंने कभी वाजपेयी या उनकी सरकार को पार्टी की स्थिति के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया.

उन्होंने आगे लिखा, कांग्रेस में दुर्भाग्य से कुछ बीमार लोगों ने डॉ. मनमोहन सिंह से लड़ना शुरू कर दिया. एनडीए ने बीजेपी से लड़ने के बजाय पूर्वी की यूपीए सरकार से लड़ना शुरू कर दिया है. अभी जब साथ मिलकर चलने का वक्त है तो विभाजन जैसी सोच पाल रहे हैं.

 

BJP was out of Power for 10 yrs 2004-14. Not once did they ever blame Vajpayee or his Govt for their then predicaments

In @INCIndia unfortunatly some ill -informed ‘s would rather take swipes at Dr. Manmohan Singh led UPA govt than fight NDA/BJP.When unity reqd they divide.— Manish Tewari (@ManishTewari) August 1, 2020

राजीव सातव ने भी ट्वीट कर दिया जवाबमनीष तिवारी के इस ट्वीट के बाद राजीव सातव ने भी ट्वीट किया है. राजीव ने अपने ट्वीट में लिखा,मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहां तक हैतु सितम कर ले, तेरी ताक़त जहां तक है,व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगीहमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहां तक है.

मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहाँ तक हैतु सितम कर ले, तेरी ताक़त जहाँ तक है,व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगीहमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहाँ तक है।

— Rajeev Satav (@SATAVRAJEEV) August 1, 2020

 

 

राजीव सातव के ट्वीट के बाद ऐसा माना जा रहा है कि ये मनीष तिवारी को दिया गया जवाब है.

राजीव सातव से नाराज हैं कई वरिष्ठ नेता

सूत्रों की मानें तो सोनिया गांधी ने सांसदों के साथ जो बैठक की थी उसमें राजीव सातव ने खुलकर उन नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोला जो UPA-2 सरकार में मंत्री थे. राजीव के इस मोर्चे से कई वरिष्ठ नेता नाराज़ भी हैं. नाम न बताने की शर्त के साथ एक वरिष्ठ नेता ने न्यूज़18 से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस के कई युवा नेता बिना फैक्ट के बात करते हैं. वो UPA सरकार पर निशाना साध रहे हैं, उस समय कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी थी. यूपीए की चेयरपर्सन भी सोनिया गांधी थी. UPA सरकार के दौरान राहुल गांधी पहले कांग्रेस के महासचिव और फिर 2013 में कांग्रेस के उपाध्यक्ष बने. अगर युवा नेता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मंत्रियों पर उंगली उठा रहे हैं तो कुछ उंगलियां तो नेतृत्व पर भी उठ रही है.

कांग्रेस में जनरेशन क्लैश

ग़ौरतलब है कि 2014, 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से और राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर कांग्रेस के युवा और वरिष्ठ नेता कई बार आमने-सामने आए. पार्टी में जनरेशन क्लैश कई बार दिखा और पार्टी इससे लगातार कमज़ोर होती जा रही है.

क्या है यूपीए

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) कई राजनीतिक पार्टियों का गठबंधन है, जिसकी अगुवाई कांग्रेस करती है. 2004 से 2014 तक यूपीए की ही सरकार केंद्र में थी. इस समय यूपीए में कांग्रेस के अलावा शिवसेना, डीएमके, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस शामिल है.

इसके अलावा यूपीए का हिस्सा झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), जनता दल सेक्युलर (जेडीएस), केरल कांग्रेस, एमडीएमके, आरएसपी, एआईयूडीएफ, वीसीके और कुछ निर्दलीय राजनेता शामिल हैं. 2014 तक सोशल जनता (डेमोक्रेटिक), 2012 तक तृणमूल कांग्रेस और एआईएमआईएम भी यूपीए का हिस्सा थीं.

 

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