बिहार में बाढ़ (Flood) की स्थिति विकट बनी हुई है, जहां नदियों में बाढ़ आ जाने के कारण अब तक 45 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) ने शुक्रवार को जारी बुलेटिन में कहा कि पिछले 24 घंटे में बाढ़ के कारण किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन इस प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित हुए लोगों की संख्या में इस अवधि में पांच लाख से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. बाढ़ के कारण राज्य में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
बाढ़ से बिहार के 14 जिले प्रभावित
आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि 14 जिलों की 1,012 पंचायतों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 45.63 लाख हो गई है, जबकि इससे एक दिन पहले यह संख्या 39.63 थी. सच कहा जाए तो बाढ़ ने राज्य को बेहाल कर दिया है.
सरकार और विपक्षी दलों के बीच वाकयुद्ध शुरू
विधानसभा चुनाव के निकट होने के मद्देनजर बाढ़ से निपटने संबंधी सरकारी प्रयासों को लेकर राज्य सरकार और विपक्षी दलों के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है. पूर्वी चंपारण के बाढ़ पीड़ित इलाके का दौरा करने वाले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अब तक नीतीश कुमार सरकार द्वारा ‘केवल 19 राहत शिविर’ बनाए जाने पर हैरानी जताई.
उन्होंने ट्वीट किया, 'बिहार के जल संसाधन मंत्री बाढ़ नियंत्रण और जल संसाधन छोड़कर जेडीयू के लिए संसाधन उत्पन्न करते मिलेंगे. पिछले चार महीने के विपदा काल में आपदा प्रबंधन मंत्री को किसी ने देखा ही नहीं. मुख्यमंत्री 135 दिन से घर से बाहर नहीं निकले हैं.’
मेरी नहीं जनता की सुनिए।बिहार के जलसंसाधन मंत्री बाढ़ नियंत्रण और जल संसाधन छोड़कर जेडीयू के लिए संसाधन उत्पन्न करते मिलेंगे। 4 महीनों के विपदा काल में आपदा प्रबंधन मंत्री को किसी ने देखा ही नहीं। 135 दिन से मुख्यमंत्री घर से बाहर नहीं निकले है।जनता त्राहिमाम है। pic.twitter.com/sTr7gKzR2u
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 31, 2020
भाजपा और जेडीयू ने किया पलटवार
बाढ़ से निपटने संबंधी सरकारी प्रयासों को कमतर बताने वाले तेजस्वी यादव पर भाजपा और जेडीयू ने पलटवार किया है. दोनों पार्टियों ने आरोप लगाया कि वह बाढ़ से निपटने के सरकारी प्रयासों में सहयोग करने के बजाए प्रचार के लिए दौरे कर रहे हैं.
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