रेल यात्री अब अपनी ट्रेनों की स्थिति आसानी से पता कर सकेंगे. असल में भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने ट्रेन इंजन को इसरो की सैटेलाइट (ISRO satellite) से जोड़ दिया है. सीधा सैटेलाइट से जुड़ा होने के कारण ट्रेनों को ट्रैक करना, उसके आने-जाने का समय पता लगाना काफी आसान हो गया है. साथ ही इससे पक्की जानकारी भी मिलेगी. वैसे रेल को सैटेलाइट से जोड़ने की पहल दूसरे कई देश भी कर चुके हैं. जानिए, किस तरह से सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है.
हमारे यहां ये कैसे काम करेगा
रेलवे ने इसरो यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं जिसके तहत ट्रेनों की सैटेलाइट द्वारा निगरानी की जा सकेगी. इसरो का गगन ट्रेन ट्रैकिंग करेगा. ये GPS एडेड GEO ऑगमेंटेड सिस्टम है. शुरुआत में इसे वायु क्षेत्र के लिए डेवलप किया गया था, लेकिन अब यह हर 30 सेकेंड में ट्रेन की स्पीड और लोकेशन की जानकारी शेयर करता है. गगन जियो पोजिशनिंग सिस्टम से इंजन को जोड़ा जाने पर ट्रेन की गति और पोजिशन की एकदम पक्की जानकारी मिलती है.
ऐसे होगा संचालन
गगन (GPS Aided GEO Augmented Navigation) है, जिसे भारतीय रेलवे के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है. इसरो से जुड़ा ये सिस्टम ट्रेन रनिंग डाटा को बताएगा. इसके लिए एक डिवाइस को रेल इंजन से जोड़ा जाएगा. ये दो हिस्सों में होगा, पहला हिस्सा ट्रेन के भीतर होगा ताकि किसी इमरजेंसी में लोको पायलेट या ड्राइवर इसे दबा सके. इससे सीधे कंट्रोल रूम से कनेक्ट हुआ जा सकेगा. डिवाइस का दूसरा हिस्सा इंजन के बाहर लगा होगा. गगन की मदद से यात्रियों को काफी सुविधा हो जाएगी क्योंकि ये 30 सेकंड पर ट्रेन की स्थित अपडेट करेगा. यहां तक कि अगर ट्रेन को कहीं अनशेड्यूल्ड तरीके से रुकना पड़े तो भी यात्री इसकी जानकारी पा सकेंगे.
विदेशों में भी सैटेलाइट से रेलवे जुड़ा हुआ
स्पेन भी अपने यहां ये प्रयोग कर चुका है. यूरोपियन स्पेस एजेंसी की तर्ज पर उसने अपने यहां रेलवे को तकनीक से लैस किया. सिस्टम को Elecnor Deimos नाम की कंपनी के इंजीनियरों ने डेवलप किया. ये वही कंपनी है, जो यूरोपियन स्पेस एजेंसी पर भी काम कर चुकी है. इसी के साथ साल 2013 में ही स्पेन के सारे 400 से ज्यादा रेलवे स्टेशन सैटेलाइट पर काम कर रहे हैं.
Improving the efficiency of operations, Railways has introduced Satellite Tracking of trains.
By December 2021, the entire freight & passenger rail operations will be tracked through satellite, with the help of @ISRO pic.twitter.com/N9Ooei4Jda— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) July 23, 2020
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