मानसून का मौसम (Monsoon Season) सभी को बेहद पसंद होता है. बारिश की फुहार पड़ते ही चारों तरफ हरियाली देखकर मन खुश हो जाता है, लेकिन बारिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियों (Diseases) को भी लेकर आता है. इसका कारण है कि मानसूनी मौसम में वातावरण में नमी आ जाती है और यह नमी मच्छर और बैक्टीरिया (Bacteria) को पनपने का अवसर देती है. मच्छर (Mosquito) या बैक्टीरिया ऐसी जगह ज्यादा पनपते हैं, जहां कीचड़ या गंदगी हो या जहां बारिश का पानी कई दिनों से जमा हो. आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में कौन-कौन सी बीमारियों हो सकती है -
मलेरिया का प्रकोप
मलेरिया का प्रकोप बारिश के मौसम में अधिक होता है. यह बीमारी जलभराव में पनपने वाले मच्छरों से काटने से होती है. मलेरिया मादा एनीफिलीज मच्छर के काटने से होता है. मलेरिया रोगी के लिवर तक पहुंचकर उसके काम करने की क्षमता को प्रभावित करता है. इसमें रोगी को तेज बुखार, कंपकंपी आना, सिरदर्द, शरीर में दर्द, उल्टी होना जैसे लक्षण हो सकते हैं. मरीज को बुखार 24 से 48 घंटे के बाद दोबारा आता है.
खतरनाक होता है डेंगू बुखार
myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार डेंगू की बीमारी भी मच्छरों के काटने से होती है, लेकिन डेंगू उन मच्छरों से होता है, जो साफ पानी में पनपते हैं. यह बुखार एडीस नामक मच्छर के काटने से होते हैं. इसमें मरीज को पूरे शरीर में और जोड़ों में तेज दर्द होता है.
बैक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी है हैजा
हैजे की बीमारी दूषित खाने या दूषित पदार्थों के कारण होती है. हैजा की बीमारी विब्रियो कोलेरा नामक बैक्टीरिया के कारण होती है. हैजा के प्रकोप से पीड़ित मरीज को अत्यधिक उल्टी-दस्त होते हैं. साथ ही मरीज को बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है. हैजा के लक्षण पांच से सात दिन में पता चल पाते हैं.
जान ले सकता है डायरिया
बारिश का मौसम आते ही डायरिया का प्रकोप बढ़ जाता है. डायरिया में मरीज को पेट में तेज मरोड़ उठने के साथ उल्टी-दस्त लगते हैं. यह बीमारी बरसात के मौसम में प्रदूषित खाद्य पदार्थ और प्रदूषित पानी के सेवन के कारण होती है. ऐसे में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए.
संक्रामक बीमारी है चिकनगुनिया
myUpchar से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार चिकनगुनिया भी मानसूनी मौसम में ही ज्यादा फैलता है. चिकनगुनिया की बीमारी भी मच्छरों के कारण ही होती है. इसमें मरीज को जोड़ों में तेज दर्द होता है. चिकनगुनिया एडिस इजिप्ति और एडिस एल्बोपिक्ट्स मच्छरों के काटने से होता है. इसमें मरीज में अचानक बुखार, जोड़ों, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और थकान जैसे लक्षण नजर आते हैं. यह एक संक्रामक बीमारी है. यह बीमारी व्यक्ति से व्यक्ति में फैलती है.
ऐसे करें मौसमी बीमारियों से बचाव
मलेरिया से बचने के लिए बारिश में घर के आसपास जल भराव न होने दें और यह प्रयास करें कि आसपास साफ-सफाई भी रखें. इसी तरह डेंगू से बचाव के लिए भी साफ पानी को एकत्र न होने दें अगर पानी एकत्र करते हैं तो उसे ढककर रखें. हैजा और डायरिया जैसी बीमारियों में बैक्टीरिया दूषित खाद्य पदार्थों और प्रदूषित पानी के वजह से पनपते हैं. यही बैक्टीरिया हमारे पेट में जाकर इन घातक बीमारियों को जन्म देते हैं. इससे बचने के लिए खाद्य पदार्थों और पानी को ढ़ककर रखना चाहिए.
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