राजधानी भोपाल का एक HIV पॉजीटिव (HIV Positive) मरीज कोरोना वायरस (COVID-19) को हराकर अपने घर वापस लौट आया है. केस क्रिटिकल इसलिए था, क्योंकि इलाज के दौरान दो बार मरीज की तबीयत इतनी बिगड़ गई कि उसे वेंटीलेटर पर रखना पड़ा. लेकिन मरीज और डॉक्टरों दोनों ने हिम्मत नहीं हारी. आखिरकार मरीज के जज्बे से कोरोना हार गया. एम्स (AIIMS) प्रशासन के मुताबिक एचआईवी पॉजीटिव मरीज के कोरोना को हराने का ये देश का पहला मामला है.
भोपाल एम्स प्रशासन ने बताया कि इससे पहले लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भी एक एचआईवी पॉजीटिव को कोरोना के बाद डिस्चार्ज किया गया था. लेकिन वो एसिम्टोमेटिक (Asymptomatic) था. सप्ताह भर के अंदर की मरीज की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी. लेकिन भोपाल का ये मरीज पूरी तरह से कोरोना की चपेट में था, जिसने अपने आत्मविश्वास से ही कोरोना जैसी महामारी को को हराया है.
यह है मामला
10 जुलाई को 35 साल के युवक को कोरोना के लक्षणों के साथ एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. युवक को तेज बुखार के साथ सांस लेने में तकलीफ थी. टेस्ट में मालूम हुआ कि डीप निमोनिया के कारण इंफेक्शन काफी बढ़ गया है. सीटी-स्कैन में पता चला कि संक्रमण फेफड़ों तक में फैल गया था. उसकी नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टरों को मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. चार दिन के इलाज के बाद सिचुएशन नॉर्मल होने पर वेंटिलेटर हटाया गया. इसके तीन दिन बाद एक बार फिर सांस लेने में तकलीफ हुई और ऑक्सीजन सैचुरेशन अचानक कम हो गया तो मरीज को दोबारा वेंटिलेटर पर रखना पड़ा.
पूरी तरह ठीक होने और कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद इस मरीज को डिस्चार्ज किया गया. एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. सरमन सिंह के मुताबिक एचआईवी पीडि़त मरीज की हालत गंभीर होने के बाद कोरोना को हराने का ये पहला मामला है.
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