एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने ट्वीट कर महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) से बकरीद (Eid al-Adha) पर डिलीवर करने के लिए बकरों को लाने वाले ट्रकों को महाराष्ट्र (Maharashtra) में प्रवेश न देने पर कुछ सवाल खड़े किये हैं. ओवैसी ने सीएम उद्धव ठाकरे को संबोधित एक ट्वीट (Tweet) में बकरीद पर बकरों से भरे ट्रकों को राज्य में प्रवेश न देने के बारे में ये सवाल पूछे.
ओवैसी (Owaisi) ने अपने ट्वीट (Tweet) में लिखा है, "सर उद्धव ठाकरे, आपकी सरकार इन ट्रकों को प्रवेश क्यों नहीं दे रही है? हम बकरीद के इतने करीब हैं लेकिन अभी तक कोई स्पष्टता क्यों नहीं है. क्या आप बता सकते हैं कि आपकी मुस्लिम विधायकों (Muslim MLAs) के साथ बैठक में क्या फैसला हुआ था (जिसमें एआईएमआईएम-AIMIM के दोनों ही विधायकों को नहीं बुलाया गया था)?"
'अनुमति के कागजात पूरे, फिर भी नहीं दिया जा रहा प्रवेश'
ओवैसी ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें एक बकरा व्यापारी को कहते सुना जा सकता है, "ऑनलाइन बकरा बेचने की अनुमति महाराष्ट्र सरकार ने दी थी. हम ऑनलाइन बकरा बेच चुके हैं. अब डिलीवरी देने जा रहे हैं." वीडियो में वे दावा कर रहे हैं कि उन्होंने इसके लिए स्थानीय नगर निगम सदस्य से भी इसके लिए अनुमति ले ली है और उनके सभी कागजात पूरे हैं. फिर भी जब वे गोट फार्म का पेपर दिखा रहे हैं, तो भी उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने वीडियो में दावा किया है कि गोट फार्म की गाड़ी भी नहीं जाने दी जा रही है और स्थानीय व्यापारियों को भी नहीं जाने दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा, "हम समझ नहीं पा रहे हैं कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि हमने जिनसे ऑर्डर लिये हैं, अब उन्हें कौन जवाब देगा?"
'बकरे ट्रकों में मरने शुरू हुए, लाखों का हो रहा नुकसान'
आगे वे कहते हैं, "सभी नेताओं ने बकरीद पर आसानी से कुर्बानी होने देने की बात कही थी और उद्धव ठाकरे ने ऑनलाइन बकरा बेचने की अनुमति दे दी थी. हमने इसके बाद उधार लिया, माल मंगाया और ऑनलाइन बेचने के दौरान लोगों से एडवांस ले लिया है."
फिर वे ट्रकों की ओर इशारा करके कहते हैं, "ये चार-चार गाड़ी माल मंगाया हुआ है मैंने. एक-एक गाड़ी के माल की कीमत 20-20 लाख रुपये है. लेकिन इन गाड़ियों में 40-40 घंटे एक ही जगह खड़े रहने के बाद बकरा खराब हो जायेगा." उन्होंने पूछा, "कुछ बकरे तो मरना भी शुरू हो गये हैं. ऐसे में इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा?" उन्होंने कहा कि आखिर जब सरकार ने अनुमति दी तभी तो हमने ये बकरे मंगाये हैं. मजदूरों ने भी बताया कि वे हरियाणा जैसे सुदूर इलाकों से हजारों किमी से आ रहे हैं और यहां तीन दिनों से फंसे हुए हैं.
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