केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को नई शिक्षा नीति (National Education Policy 2020) को मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Union minister Prakash Javadekar) ने बताया कि कैबिनेट बैठक में आज (29 जुलाई) नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है. प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि 34 साल से शिक्षा नीति में परिवर्तन नहीं हुआ था, इसलिए ये बेहद महत्वपूर्ण है. इस दौरान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे. प्रकाश जावड़ेकर के संबोधन के दौरान की एक प्रेजेंटेशन देकर नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. आइए जानते हैं नई शिक्षा नीति की 6 खास बातें...
पहला- नई शिक्षा नीति में भाषा के विकल्प को बढ़ा दिया गया है. सरकार की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि छात्र 2 से 8 साल की उम्र में जल्दी भाषाएं सीख जाते हैं. इसलिए उन्हें शुरुआत से ही स्थानीय भाषा के साथ तीन अलग-अलग भाषाओं में शिक्षा देने का प्रावधान रखा गया है. नई शिक्षा नीति में छात्रों को कक्षा छह से आठवीं के बीच कम से कम दो साल का लैंग्वेज कोर्स करना भी प्रस्तावित है.
दूसरा- नई एजुकेशन पॉलिसी में केंद्र सरकार द्वारा नया पाठ्यक्रम तैयार करने का भी प्रस्ताव रखा गया है. नया प्रस्ताव 5+3+3+4 का डिजाइन तय किया गया है. यह 3 से 18 साल के छात्रों यानि की नर्सरी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए डिजाइन किया गया है. इसके तहत छात्रों की शुरुआती स्टेज की पढ़ाई के लिए 5 साल का प्रोग्राम तय किया गया है. इनमें 3 साल प्री-प्राइमरी और कक्षा-1 और 2 को जोड़ा गया है. इसके बाद कक्षा-3, 4 और 5 को अगले स्टेज में रखा गया है. इसके अलावा क्लास-6, 7, 8 को तीन साल के प्रोग्राम में बांटा गया है. आखिरी 4 वाले में हाई स्टेज में कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं को रखा गया है.
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