पांच अगस्त को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के भूमिपूजन में बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाली प्रमुख तीर्थ नगरी ओरछा के रामराजा , ललितपुर के दशावतार मंदिर की मिट्टी व वेद विश्रुत पावन बेतवा का जल अयोध्या जाएगा। इसी क्रम में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के साक्षी झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई के किले की मिट्टी भी अयोध्या जाएगी। इसे ले जाने का जिम्मा विहिप कार्यकर्ताओं को सौंपा गया है।
इसके लिए ओरछा, ललितपुर और झांसी में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। ओरछा में मंदिरों के पुजारी व अन्य श्रद्धालुओं ने बुंदेलखंड के तीर्थ क्षेत्र से अयोध्या भेजे जाने वाली मिट्टी के वैदिक पूजन की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। मंदिर परिसर में मिट्टी के खनन से पूर्व भूमि की पूजा की जाएगी इसके बाद घंटा घड़ियालों व शंख ध्वनि के बीच इस पवित्र मिट्टी और बेतवा के जल को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को सौंपकर अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा।
उधर, ललितपुर और झांसी में भी तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं, दशावतार मंदिर व झांसी किले की मिट्टी को राष्ट्रीय व धार्मिक गीतों की ध्वनि के बीच अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा। निवाड़ी भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश अयाची के मुताबिक बुंदेलखंड के अन्य धार्मिक स्थलों और नदियों की मिट्टी लेकर विहिप कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचेंगे। इस मिट्टी का प्रयोग भूमि पूजन में भी किया जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास व संत जनों के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीरामलला की जन्मभूमि पर भूमिपूजन करेंगे। इसके अलावा संघ और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े करीब एक दर्जन लोग इस आयोजन में भाग ले सकते हैं।
बुंदेलखंड के ओरछा के रामराजा मंदिर, ललितपुर का दशावतार मंदिर, झांसी के किले के अलावा चित्रकूट के रामघाट, अनुसुइया आश्रम, गुप्तगोदावारी, स्फटिक शिला, कामतानाथ, भरत कूप, हनुमानधारा, शरभंग आश्रम, बांदा के वामदेवेश्वर मंदिर, कालिंजर, महोबा के छोटी चंडिका, बड़ी चंडिका, श्रीनगर किला, रामजी हनुमानजी मंदिर, जालौन के जालौन माता बागरा, पचनद, मधुवन महाराज के अलावा 21 स्थानों की मिट्टी व जल विहिप कार्यकर्ता अयोध्या लेकर जाएंगे।
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