प्रदेश में अब बच्चों के लिए नर्सरी स्कूल, प्ले स्कूल और किंडर गार्डन चलाने के लिए पंजीयन यानि कि रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के ऐसे केंद्र संचालित करने वालों के खिलाफ कार्रवई की जाएगी।
दरअसल, महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि निजी क्षेत्र में पहले से चल रहे और नए केंद्रों, शाल पूर्व शिक्षा केंद्रों को विभागीय पोर्टल पर पंजीयन कराना अनिवार्य किया गया है। पंजीकरण की प्रक्रिया 4 अगस्त से शुरू होगी।
इसके साथ ही विभाग के पोर्टल पर शाला पूर्व शिक्षा केंद्रों के पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी वेबिनार 4 अगस्त को दोपहर 3 बजे आयोजित होगा। इसमें विभागीय अधिकारी और निजी क्षेत्र के शाला पूर्व शिक्षा केंद्र संचालक सम्मिलित होंगे। ऑनलाइन वेबिनार में शामिल होने के लिए इसकी लिंग विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध होगी।
पंजीकरण कराने की यह है वजह
केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्रालय ने बाल अधिकारों के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय ईसीसीई (प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा नीति) 2013 बनाई थी। इसमें 3 से 6 वर्ष के बच्चों को शैक्षणिक आवश्यकताओं एवं इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए स्कूल से पहले शिक्षा के महत्व पर जोर दिया गया था। भारत में शाला पूर्व शिक्षा सेवाएं शासकीय, निजी और अशासकीय संस्थाओं के माध्यम से दी जा रही हैं।
शासकीय क्षेत्र में शाला पूर्व शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दी जाती है। जबकि अशासकीय क्षेत्रों में नर्सरी स्कूल, प्ले स्कूल, किंडर गार्डन आदि संचालित किए जाते हैं। यह प्ले स्कूल बिना किसी नियमन, मान्यता एवं पंजीकरण के संचालित हो रहे हैं। इन्हीं पर नियंत्रण के लिए नए निर्देश दिए गए हैं।
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