Monday, 26th May 2025

भारत चीन विवाद: पैंगोंग-गोगरा से पीछे नहीं हटी चीनी सेना, फिंगर एरिया में अड़ी

Wed, Jul 29, 2020 4:10 PM

चीन से लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर भले ही तनाव कम हो गया हो लेकिन चीन के नापाक मंसूबों में कोई कमी नहीं आई है. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की सेना पैंगोंग और गोगरा (pangong  & Gogra) से पीछे नहीं गई है हालांकि उनकी ओर से जवानों की मौजूदगी में कमी जरूर दर्ज की गई है लेकिन दोनों देशों के जवान आमने सामने खड़े हैं. दावा किया गया है कि फिंगर एरिया (LAC Finger Area)में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की सेना फिंगर 4 के रिज एरिया में अभी भी मौजूद है. वह फिंगर 4 से हटकर फिंगर 5 पर अपनी सेना के साथ मौजूद है. रिपोर्ट में बताया गया कि गलवान और हॉट स्प्रिंग इलाके में डिसएंगेजमेंट हो गया है और दोनों देशों के जवान पीछे बुला लिए गए हैं.

इससे पहले चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि चीन और भारत के के सैनिकों ने सीमा पर ज्यादातर स्थानों पर पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है तथा जमीनी स्तर पर तनाव घट रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन से सवाल किया गया था कि क्या भारत और चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में गलवान, गोगरा और हॉट स्प्रिंग इलाकों में पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.

सूत्रों ने कहा- झूठा है बयान
हालांकि, चीन की आधिकारिक मीडिया के संवाददाता द्वारा पूछे गये सवाल में पैंगोंग का स्पष्ट रूप से जिक्र नहीं किया गया. जबकि यह स्थान दोनों पक्षों(भारत और चीन) के बीच टकराव का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है. प्रवक्ता ने इस बात का जिक्र किया कि चीन और भारत ने हाल ही में सैन्य एवं कूटनीतिक माध्यमों से गहन बातचीत की है.
वांग ने कहा, ‘अब सीमा पर अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने ज्यादातर स्थानों पर पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और जमीनी स्तर पर तनाव घट रहा है. ’वहीं, नयी दिल्ली में भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि यह बयान सही नहीं है.
वांग ने प्रेस वार्ता में कहा, ‘हमने कमांडर स्तर की चार दौर की वार्ता की और परामर्श एवं समन्वय के लिये कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की तीन बैठकें की.’ उन्होंने कहा, ‘अब शेष मुद्दों के समाधान के लिये कमांडर स्तर की पांचवें दौर की वार्ता के अध्ययन के लिये हम तैयारी रहे हैं. हम उम्मीद करते हैं कि भारत हमारे बीच बनी सहमति को क्रियान्वित करने के लिये चीन के साथ काम करेगा और सीमावर्ती इलाकें में शांति एवं स्थिरता को कायम रखेगा.’

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