जुलाई सूखा बीतने के बाद आज कहीं-कहीं पड़ सकती हैं हल्की बौछार
Wed, Jul 29, 2020 3:58 PM
भोपाल (bhopal) में जुलाई में 6 फ़ीसदी तो इंदौर में 3 फ़ीसदी कम बारिश (rain) हुई है.पिछले साल राजधानी भोपाल में 886 मिलीमीटर पानी बरसा था.
मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में जुलाई का महीना लगभग सूखा बीत गया. सावन के 6 दिन बचे हैं लेकिन बादलों का दूर-दूर तक अता-पता नहीं है. प्रदेश भर में जुलाई के महीने में बमुश्किल 1 से 2 दिन ही बारिश (rain) दर्ज हुई है.इस साल जुलाई में भोपाल में 6 फीसदी और इंदौर में 3 फीसदी कम बारिश हुई है. बारिश की कमी से खरीफ की फसल लगभग बर्बाद होने की आशंका है.धान की फसलें सूखने के कगार पर पहुंच गई हैं. मौसम विभाग थोड़ी राहत भरी खबर दे रहा है. उसका कहना है आज से कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं.
भोपाल में जुलाई में 6 फीसदी कम बारिश
इस साल प्रदेश भर में जुलाई के महीने में मानसून मेहरबान नहीं हुआ है.भोपाल में 6 फ़ीसदी तो इंदौर में 3 फ़ीसदी कम बारिश हुई है.पिछले साल राजधानी भोपाल में 886 मिलीमीटर पानी बरसा था. लेकिन इस बार सिर्फ एक या 2 दिन ही जुलाई के महीने में तेज़ बारिश की जगह बौछारें पड़ी हैं. ग्वालियर में पिछले साल के मुकाबले 18 मिलीमीटर बारिश कम हुई.
बारिश ना होने से किसान परेशान
जुलाई सूखा बीतने से खरीफ फसल बर्बाद होने के कगार पर है. किसानों चिंता सता रही है. विशेषकर धान की फसलें सूखे की चपेट में हैं. सोयाबीन की फसल का उत्पादन घटने का खतरा मंडराने लगा है.हालत यह है कि प्रदेश में सामान्य से 11 फ़ीसदी कम बारिश हुई है.17 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है.
आज पड़ेंगी बौछारें
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में नमी आने का सिलसिला शुरू हो गया है.इससे प्रदेश में बुधवार से मौसम में थोड़े से बदलाव होने के आसार नजर आ रहे हैं.यानि प्रदेश भर में कहीं-कहीं हल्की हल्की बौछारें पड़ सकती हैं. प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में रुक रुक कर तेज बौछारें भी पड़ने की संभावना है.
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