Monday, 26th May 2025

भारत में आज राफेल का गृहप्रवेश, अंबाला एयरबेस पर IAF चीफ करेंगे रिसीव

Wed, Jul 29, 2020 3:34 PM

भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) का लंबा इंतजार आज खत्म होने को है. काफी लंबे वक्त से जिस लड़ाकू विमान का इंतजार था, वो राफेल विमान आज भारत को मिलने वाला है. फ्रांस के साथ हुए सौदे के तहत राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet)  की पहली खेप हरियाणा के अंबाला एयरबेस पहुंच रही है. इन 5 राफेल जेट को रिसीव करने के लिए एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया अंबाला एयरबेस पर मौजूद रहेंगे. सुरक्षा के लिहाज में अंबाला में धारा 144 लागू कर दी गई है.

27 जुलाई को फ्रांस (France) के मेरिग्नाक बेस से 5 राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet) भारत के लिए रवाना हुए थे. भारतीय समयानुसार करीब 12:30 बजे विमानों ने उड़ान भरी और लगातार 7 घंटे तक उड़ान भरते हुए शाम को अबूधाबी (Abu Dhabi) के करीब अल-दफ्रा फ्रेंच एयरबेस पर पहुंचे. आज यानी 29 जुलाई को सुबह ये फाइटर अल-दफ्रा एयरबेस से अंबाला (Ambala) के लिए रवाना होंगे और मौसम अगर ठीक रहा तो दोपहर बाद किसी भी समय ये पांचों फाइटर जेट अंबाला एयरबेस (Ambala Air Base) पर लैंड करेंगे.


>>राफेल की लैंडिंग की वजह से अंबाला एयरबेस की तरफ जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी लगातार गश्त कर रहे हैं. कैंट में काम करने वाले, थलसेना, वायुसेना और अन्य लोगों के आई कार्ड चेक करने के बाद ही अंदर जाने की इजाज़त दी जा रही है. ग़ैर जरूरी काम के लिए जाने वालों के लिए रास्ते बंद हैं. मीडिया को भी एयरफ़ोर्स स्टेशन के गेट से 2 किलोमीटर दूर से रोका गया है.
>>राफेल के अंबाला लैंड करते ही वायुसेना प्रमुख की उपस्थिति में उन्हें रिसीव किया जाएगा. अगस्त के आखिर में वायुसेना में राफेल का फाइनल इंडक्शन  होगा. ऐसी खबरें हैं कि तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं.
>>अंबाला एयरफोर्स स्टेशन (Ambala Airforce Sstation) के असपास के 4 इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है. जारी किए गये आदेशों के तहत ऐयरफोर्स स्टेशन के नजदीक लगते स्थानों धूलकोट, बलदेव नगर, गरनाला, पंजोखरा इत्यादि स्थानों से ऐयरफोर्स स्टेशन की किसी भी प्रकार की तस्वीर लेने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है.


>>DSP मुनीष सहगल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि पुलिस पूरे तरीके से अलर्ट रहेगी और नाके बन्दी की जाएगी. लोग उत्साह में फोटोग्राफी न करें इसका ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने कहा यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है इसलिए एतिहातन यह कदम उठाए गए हैं.

>>10 एयरक्राफ्ट तयशुदा समय पर डिलीवरी के लिए तैयार हैं. हालांकि पांच एयरक्राफ्ट ट्रेनिग के लिए फ्रांस में ही रखे गए हैं, जबकि 5 को भारत भेजा गया है. फ्रांस की तरफ ये साफ किया जा चुका है कि बाकी फाइटर जेट की डिलीवरी 2021 के अंत तक हो जाएगी.

>>इससे पहले अबूधाबी के पास फ्रांस के एयरबेस तक फ्रांस वायुसेना के मिड एयर रिफ्यूलर राफेल के साथ थे. अब अबूधाबी के बाद भारतीय आईएल 78 रिफ्यूलर राफेल के साथ होंगे, जो की हवा में ही इन फाइटर जेट्स में ईंधन भरेंगे.

>>सूत्रो के मुताबिक़ ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह राफेल स्कवाड्रन के पहले कमॉडिंग ऑफ़िसर होंगे. वो पांच अन्य पायलटों के साथ विमानो के लेकर आ रहे हैं. इन सभी पायलटों की ट्रेनिंग तकरीबन एक साल से फ्रांस में जारी थी.

>>अभी तक कुल 15 से 17 पायलट पूरी तरह से इसे उड़ाने में ट्रेंड हो चुके हैं. 17वीं स्कवाड्रन के 18 राफेल फाइटर जेट्स के लिये करीब तीस पायलट्स की ट्रेनिंग होगी. हालांकि 150 से 200 ग्राउंड स्टाफ को राफेल के स्कवाड्रन की देख-रेख के लिए ट्रेंड किया जा चुका है.

>>भारत तक पहुंचने के लिए राफेल को 7000 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी. कुल दो स्कवाड्रन यानी 36 फाइटर भारत ने फ्रांस से लिए हैं. फिलहाल इन फाइटरों को उड़ाने और टैक्निकल-वेपन सिस्टम की पहले बैच ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. अगले बैच की ट्रेनिंग अगले नौ महीनों तक फ्रांस में ही होगी.
>>भारतीय वायुसेना पिछले कई सालों से फाइटर स्कवाड्रन की कमी से जूझ रही थी. राफेल के आने से काफी हद तक इस कमी को पूरा किया जा सकेगा. राफेल का पहला स्कवाड्रन अंबाला और दूसरा हाशिमारा में स्थापित होगा.

>>इस फाइटर को दुनिया के सबसे एडवांस और सबसे ख़तरनाक फाइटरों में गिना जाता है. दुनिया की सबसे ख़तरनाक हवा से हवा में मार करने वाली BVR मिटिओर मिसाइल से राफेल लैस है और पाकिस्तान और चीन सीमा के किसी भी ख़तरे से पलक झपकते निपट सकेगा.

>>कोरोना के चलते माना जा रहा था कि राफेल की डिलीवरी में देरी हो सकती है लेकिन जून के पहले हफ्ते में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस के सशस्त्र बल के मंत्री फ्लोरेंस के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई थी जिसमें फ़्रांस ने कोरोना के बावजूद फाइटरो की डिलीवरी को तयशुदा समय में ही करने का आश्वासन दिया था और उसी के तहत कोरोना काल में भी भारत में राफेल विमानों के सही समय पर आने का रास्ता साफ हुआ.

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