माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संचालित हायर सेकंडरी यानी 12वीं के नतीजे साेमवार काे घाेषित कर दिए गए। इस साल 68.81% नियमित परीक्षार्थी पास हुए। पिछले साल की तुलना में रिजल्ट 3.56% कम अा सका। पिछले साल के मुकाबले काॅमर्स फैकल्टी का रिजल्ट 11%, जबकि आर्ट्स का छह फीसदी। मैथ्स यानी साइंस फैकल्टी में भी परिणाम सुधरने के बजाय 0.1% की गिरावट हुई। मंडल ने संकायवार राज्य स्तरीय मैरिट लिस्ट घाेषित की है। इसमें कला में 19, गणित में 37, जीव विज्ञान में 19, वाणिज्य में 34, कृषि में 7, ललित कला+गृह विज्ञान संकाय संकाय में 5 यानी कुल 121 परीक्षार्थी मेरिट लिस्ट में जगह बना सके। लड़काें के मुकाबले लड़कियां फिर अव्वल रहीं। 73.40% छात्राएं जबकि 64.66% छात्र पास हुए। मंडल के सचिव अनिल सुचारी ने बताया कि 64.66% नियमित छात्र जबकि 73.40 फीसदी छात्राएं पास हुईं।
फेल होने वाले बच्चे घबराएं नहीं, दोबारा दे सकते हैं परीक्षा
जाे विद्यार्थी फेल हाे गए हैं, वे निराश नहीं हाें, क्याेंकि स्कूल शिक्षा विभाग की रुक जाना नहीं याेजना के तहत वे दाेबारा परीक्षा दे सकते हैं। इस याेजना के तहत वे 5 अगस्त तक फाॅर्म भर सकते हैं। यही परीक्षा राज्य ओपन स्कूल द्वारा ली जाती है। जिन्हें सप्लीमेंट्री आई है, वे पूरक परीक्षा में शामिल हाे सकते हैं। इस परीक्षा की तारीख बाद में घाेषित की जाएगी।
कॉम्पीटिटिव एग्जाम पर ज्यादा ध्यान, इसलिए बिगड़ रहा रिजल्ट
गणित व काॅमर्स विषयाें का ट्रेंड बदला है। गणित के विद्यार्थी एमएससी करने के बजाय बीई करने में ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। यही हाल काॅमर्स का है। सीए की तैयारी काे ज्यादा तरजीह दी जा रही है। प्रतिस्पर्धी परीक्षाअाें के कारण स्टूडेंट्स परसेंटेज काे ज्यादा तवज्जाे नहीं देते। इस बार नियमित ताैर पर 75 हजार विद्यार्थी बढ़े। इसी वजह से इनके रिजल्ट का ग्राफ भी गिरा। इन विषयाें के शिक्षक भी कम मिल पा रहे हैं।
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