कोलकाता स्थित ब्रिटिश उप उच्चायोग में एक भारतीय दूतावास (Embassy Of India) संबंधी अधिकारी ने महारानी एजिलाबेथ द्वितीय को कोविड-19 (Covid-19) लॉकडाउन के दौरान ब्रिटिश नागरिकों की स्वदेश वापसी को लेकर भारत और ब्रिटेन के बीच घनिष्ठ सहयोग के बारे में बताया है. कोलकाता में ब्रिटिश उप-उच्चायोग में काम करने वाली संजीबिता तारियांग ने भारत में लॉकडाउन में फंसे ब्रिटिश नागरिकों की स्वदेश वापसी में मदद के अपने अनुभव शुक्रवार को साझा किए.
उन्होंने बताया कि किस तरह 'भारत में ब्रिटेन' टीम के सामने कोविड-19 ने एक अभूतपूर्व चुनौती खड़ी कर दी थी. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह भारत और ब्रिटेन के अधिकारियों के बीच आपसी सहयोग के जरिये ब्रिटेन के फंसे हुए यात्रियों को उनके देश भेजने में मदद की गई. कोलकाता में ब्रिटिश उप उच्चायोग में क्षेत्रीय दूतावास संबंधी विकास अधिकारी तारियांग ने कहा, 'स्वदेश वापसी के लिये उड़ानों का प्रबंधन करना एक बड़ा व जटिल अभियान था, जिसे योजनाबद्ध तरीके और आपसी सहयोग से अंजाम दिया गया. हमें भी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान आवाजाही के लिये अनुमति लेनी होती थी. मुख्य चुनौती मेघायल और मणिपुर जैसे दुर्गम स्थानों से परिवहन का इंतजाम करना था.'
ब्रिटेन सरकार के कार्यों के बारे में भी जानकारी ली थी
ब्रिटेन ने अप्रैल और जून के बीच 66 चार्टर उड़ानों के जरिये भारत के 11 शहरों से अपने लगभग 18,000 यात्रियों की स्वदेश वापसी कराई थी. महारानी ने पिछले सप्ताह मुख्य अभियानों में शामिल रहे कर्मचारियों से बात की थी. साथ ही उन्होंने टीका विकसित करने के लिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किये गए ब्रिटेन सरकार के कार्यों के बारे में भी जानकारी ली थी.
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