रायपुर सहित राज्य में शनिवार को कोरोना से तीन मरीजों की मौत हो गई। शहर में 134 और प्रदेश में 363 नए मरीज मिले हैं। रायपुर में पुलिस मुख्यालय में पदस्थ एडीजी के अलावा उनकी पत्नी-बेटी के साथ कोरोना कमांड सेंटर के मीडिया प्रभारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। राजधानी में मरने वाले तीन में कांग्रेस नेता व अधिवक्ता शहर के हॉट स्पॉट मंगलबाजार के रहने वाले थे। रायपुर में मरने वालों की संख्या 18 व प्रदेश में 40 पहुंच गई है। दुर्ग से 47, बिलासपुर से 17, कांकेर से 13, जांजगीर-चांपा से 12, बस्तर से 11, कोंडागांव से 6, रायगढ़, बलौदाबाजार, राजनांदगांव व जशपुर से 4-4, कवर्धा से 2, कोरबा व नारायणपुर से एक-एक मरीज मिले हैं। अब मरीजों की संख्या 7182 पहुंच गई है। विभिन्न अस्पतालों से 116 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। एक्टिव केस 2460 है, जबकि 4683 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। पीएचक्यू के एक कांस्टेबल व इंटेलिजेंस शाखा पदस्थ आरक्षक को दोबारा एम्स में भर्ती किया गया है। दोनों को सांस लेने में परेशानी है। दोनों पहले ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके थे। दूसरी ओर रायपुर के दो व बिलासपुर के एक निजी अस्पताल को इलाज की अनुमति दी गई है। अब रायपुर जिले में भी कोरोना के मरीज होम आइसोलेशन में रह सकेंगे। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी कर दिया है। आमापारा मंगलबाजार क्षेत्र शहर का हॉट स्पॉट बन चुका है। यहां से लगातार मरीज मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यहां के जिस अधिवक्ता की मौत हुई, उनका इलाज एम्स में चल रहा था। वह कोरोनरी व हाई बीपी का मरीज था।
उन्हें 18 जुलाई को भर्ती किया गया था। कृष्णानगर की 10 साल की बालिका गंभीर हेपेटाइटिस व इंसेफेलोपैथी से पीड़ित थी। तथा रामकुंड की 58 वर्षीय महिला की कोरोना से जान चली गई। महिला डायबिटीज व हाई बीपी से पीड़ित थी। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 7, वहीं 48 घंटे में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना कोर कमेटी के सदस्य डॉ. आरके पंडा व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार जिन लोगाें की मौत हो रही है, उनमें वायरल लोड ज्यादा मिला। मरीजों की ओर से ये भी लापरवाही हुई कि सैंपल देने में देरी हुई, जिससे रिपोर्ट आने के बाद इलाज भी देर से शुरू हुआ। ऐसे में पहले से दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों पर कोरोना भारी पड़ रहा है। कोरोना कमांड सेंटर के अधिकारी के बारे में पता चला है कि उन्होंने ट्रू नॉट मशीन में जांच करवाई थी। इस जांच में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद भी उन्होंने अपनी शंका मिटाने नेहरू मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर मशीन से जांच करवायी। इसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटव आई। एडीजी का आफिस नवा रायपुर के पुलिस मुख्यालय में है। वहां कार्यरत एक कांस्टेबल कोरोना से संक्रमित हुआ था। अफसरों को आशंका है कि सिपाही से अधिकारी संक्रमित हुए हैं। हालांकि उनमें कोरोना के कोई लक्षण अभी नहीं है। 70 फीसदी से ज्यादा मरीजों में सर्दी, खांसी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ के कोई लक्षण नहीं है।
रायपुर में भी मरीज होम आइसोलेशन में रह सकेंगे
अब रायपुर जिले में भी कोरोना के मरीज होम आइसोलेशन में रह सकेंगे। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी कर दिया है। अभी तक केवल दुर्ग में पायलेट प्रोजेक्ट के बतौर मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था शुरू की गई थी। मरीजों के लगातार बढ़ने के कारण नई व्यवस्था की गई है। रायपुर में 1977 मरीज हैं, जिनमें 1155 लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। एम्स, अंबेडकर व माना में बेड फुल होने की कगार पर है। यही कारण है कि अब निजी अस्पतालों को भी प्रस्ताव दिया गया है कि वह कोराेना के मरीजों का इलाज करें। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने कलेक्टर व सीएमएचओ को पत्र लिखा है। इच्छुक निजी अस्पताल मरीजों का इलाज कर सकते हैं। निजी अस्पतालों में भर्ती होने पर इलाज का खर्च मरीज को ही उठाना होगा।
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