छत्तीसगढ़ में बिलासपुर के तखतपुर स्थित गौठान में 70 से ज्यादा गायों की दम घुटने से मौत हो गई। इन गायों को अस्थाई रूप से बनाए गौठान के एक कमरे में रखा गया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। वहीं कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने सरपंच, सचिव, जनपद सदस्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए कलेक्टर को निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक, हिर्री थाना क्षेत्र के ग्राम मेड़पार बाजार में पंचायत की ओर से आवारा पशुओं को रखने के लिए एक पुराने जर्जर भवन में अस्थाई गौठान बनाया गया है। यहां पर 100 से अधिक गायों को एक अंधेरे कमरे में बंद कर रखा गया था। जिसके कारण 70 से अधिक गायों की मौत हो गई। आसपास सड़न और बदबू फैलने से शनिवार को जब लोगों ने कमरे का दरवाजा खोला तो वहां गायों के शव पड़े हुए थे।
पंचायत प्रतिनिधियों पर लापरवाही का आरोप, ट्रैक्टर से खींचकर निकाले शव
आरोप है कि पंचायत प्रतिनिधियों की लापरवाही के चलते इतनी बड़ी संख्या में गायों की मौत हुई है। उनके ऊपर मामले को रफा-दफा करने का भी आरोप लग रहा है। वहीं कमरे में मिले गायों के शवों को ट्रैक्टर के सहारे खींचकर बाहर निकाला जा रहा है। सूचना मिलने पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही पुलिस पहुंच गई है। वहीं पशुपालन विभाग की टीम का भी इंतजार किया जा रहा है।
इस गौठान का सरकार की योजनाओं से मतलब नहीं, सख्त कार्रवाई होगी
वहीं तख्तपुर से विधायक और संसदीय सचिव रश्मि सिंह गायों की मौत की सूचना पर निरीक्षण करने के लिए पहुंची। उन्होंने कहा कि इस गौठान का सरकार की रोका-छेका योजना या अन्य किसी योजना से कोई संबंध नहीं है। स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों ने स्वयं इसकी व्यवस्था की थी। उन्होंने कहा कि सरपंच ने बताया कि दो दिन पहले ही पशुओं के मालिक से उन्हें ले जाने के लिए कहा गया था, लेकिन वे नहीं आए। इस मामले में जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी। विधायक रश्मि सिंह ने कहा कि गायों की मौत दम घुटने से हुई है।
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है गोधन न्याय और रोका-छेका
राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में गोधन न्याय और रोका-छेका शामिल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनकी ओर से गायों के उत्थान और आजीविका से जोड़ने के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं। इसमें गायों के लिए गौठान और गोबर खरीदी भी शामिल है। गोबर खरीदी योजना को हरेली पर्व 20 जुलाई से शुरू किया गया है और यह विश्व की पहली अपनी तरह की अनोखी योजना है।
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